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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 28 अगस्त 2015 (12:44 IST)

अवैध खनन सरकार के लिए बना सिरदर्द

अवैध खनन सरकार के लिए बना सिरदर्द - Illigal mining
नई दिल्ली। केंद्र और राज्य सरकारों के तमाम प्रयासों के बावजूद देश के विभिन्न भागों में खनिज संपदा का अवैध खनन बदस्तूर जारी रहना सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है।
 
सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे गंभीर प्रयासों के बावजूद खनिजों का लगातार जारी अवैध खनन चिंता का विषय है। पहले अवैध खनन केवल कोयले तक सीमित था, लेकिन अन्य खनिजों की मांग बढ़ने से खनन क्षेत्र में अवैध गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं।
 
खान मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2013-14 में अवैध खनन के 88689 मामले सामने आए। 
 
वर्ष 2010-11 से जून 2014 तक राज्य सरकारों ने अवैध खनन के 10369 मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई। इस अवधि के दौरान विभिन्न राज्यों में अवैध खनन से जुड़े 203395 वाहन जब्त किए गए तथा एक लाख 22 हजार 294 रुपए का जुर्माना ठोका गया।
 
आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान देश में कुल 2439.30 टन कोयले का अवैध खनन पकड़ा गया, जिसकी कुल कीमत 76 लाख 74 करोड़ रुपए है। इसमें केवल झारखंड में 2112.77 टन कोयले का अवैध खनन पकड़ा गया। (वार्ता)