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Last Modified: रविवार, 29 नवंबर 2015 (09:13 IST)

समलैंगिकता पर न्यायालय करे पुनर्विचार

समलैंगिकता पर न्यायालय करे पुनर्विचार - Homosexuality, Supreme Court,
नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय को 2013 में समलैंगिक संबंध को अपराध की श्रेणी में डालने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। 
   
‘टाइम्स साहित्य समारोह’ में जेटली ने कहा कि वयस्कों के बीच परामर्श से बने समलैंगिक संबंधों को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपराधमुक्त कर दिया था लेकिन 2013 में उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को पलटकर इसे अपराध की श्रेणी में डाल दिया। उनके मुताबिक यह सही कदम नहीं था।  
  
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का यह फैसला दुनिया भर के न्यायशास्त्रों के मुताबिक सही नहीं हैं और आगे चलकर उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना होगा। उन्होंने कहा समलैंगिकता पर उच्चतम न्यायालय का फैसला 50 वर्ष पहले प्रासंगिक हो सकता था। (वार्ता)