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Last Modified: पासाडेना , बुधवार, 22 अक्टूबर 2014 (19:29 IST)

अंतरिक्ष स्टेशन के करीब दिखी थी उड़नतश्तरी

अंतरिक्ष स्टेशन के करीब दिखी थी उड़नतश्तरी - Flying saucer
पासाडेना। उड़नतश्तरियों को लेकर बना रहस्य और रोमांच सदियों से लेकर आज तक बरकरार है। यह जुनून कुछ इस हद तक है कि आसमान में जब भी कोई असामान्य चीज दिखाई दी तो उसे उड़नतश्तरी मान लिया गया। ऐसा ही कुछ वाकया हाल में उस समय हुआ, जब अंतरिक्ष यात्री मरम्मत का काम करने के लिए स्पेस स्टेशन से बाहर निकले थे।
 
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के अंतरिक्ष यात्री रीड वाइजमैन और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गर्स्ट बिजली के खराब उपकरणों की मरम्मत के लिए गत 7 अक्टूबर को जब स्पेस स्टेशन से बाहर निकलकर अंतरिक्ष में चहलकदमी कर रहे थे तभी उन्हें करीब से उड़ती हुई एक रहस्यमय वस्तु दिखाई दी। इसकी तस्वीरें स्पेस स्टेशन के बाहर लगे स्वचालित कैमरों में कैद हो गईं।
 
इन तस्वीरों को हाल ही में नासा ने जारी किया है। तस्वीर में दिखाई दे रही वस्तु का आकार गोलाई लिए हुए था जिससे इसके उड़नतश्तरी होने का संदेह पैदा हुआ है।
 
तस्वीर में यह रहस्यमय वस्तु अंतरिक्ष यात्रियों और स्पेस स्टेशन के पीछे से कुछ सेकंड के भीतर गुजरती दिखाई दे रही है। हालांकि तस्वीर बहुत स्पष्ट नहीं है लेकिन इतना साफ पता चल रहा है कि कोई चीज अंतरिक्ष में तैरते हुए जा रही है। तस्वीर का विश्लेषण किया जा रहा है।
 
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें दिखाई दे रही वस्तु अंतरिक्ष स्टेशन को रसद की आपूर्ति करने वाला यान भी हो सकता है, क्योंकि ऐसा ही एक यान स्पेसएक्स का ड्रैगन शिप 23 सितंबर को स्पेस स्टेशन पर सामान पहुंचाने आया था। इस यान के 2 दिन बाद ही रूस का सोयूज यान 3 नए अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेस स्टेशन पहुंचा था।
 
ये दोनों यान अभी भी स्पेस स्टेशन के साथ ही जुड़े हुए हैं और पृथ्वी के लिए अपनी वापसी यात्रा नहीं शुरू की है। ऐसे में तस्वीर में दिखाई दे रही रहस्यमय वस्तु का इनमें से कोई यान होना तर्कसंगत नहीं लग रहा है।
 
ऐसे में वैज्ञानिक इस कोण से भी सोच रहे हैं कि हो सकता है यह कोई ऐसा यान या फिर उड़नतश्तरी हो, जो ब्रह्मांड के किसी छोर में मौजूद ऐसे ग्रह की ओर से भेजी गई हो, जहां पृथ्वी से भी उन्नत सभ्यता वजूद में है।
 
फिलहाल वैज्ञानिक इस रहस्य का पता लगाने में जुटे हुए हैं और इसके लिए कई और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। (वार्ता)