बदलने पड़ेंगे नोट, लेकिन क्यों, जानिए...
नोट बदलने को लेकर लोगों में कई प्रकार के संशय हैं। कौनसे नोट बदलने हैं, कौनसे नहीं। नोटों की पहचान कैसे की जाए। अगर कोई बैंक नोट लेने से मना कर दें तो क्या करें। आखिर सरकार इन नोटों को क्या बदलना चाहती है। इन्ही सारे सवालों के जवाब जानिए इस खबर में।
नकली नोटों ने बढ़ाई मुश्किल : साल 2005 के पहले नकली नोटों का प्रचलन काफी बढ़ा था जिसके चलते आरबीआई की मुश्किलें काफी बढ़ गईं थी। आरबीआई ने नोट की छपाई के मानकों में बढ़ोतरी की थी। जिसके बाद साल 2005 से नोटों पर छपाई का साल अंकित किया जाने लगा।
नोट की सीरीज व साल से उसकी प्रामाणिकता जानना आसान हो जाता है। 2005 के बाद छपे नोटों में नोट के पीछे निचले भाग में साल लिखा होता है। अगर आपके पास ऐसे नोट हैं जिनमें साल नहीं छपा तो आप फौरन अपनी नजदीकी बैंक शाखा में जाइए और नोट बदलिए।
नोट बदलने से मना नहीं कर सकती हैं बैंकें : पहली बात तो यह है कि कोई भी बैंक नियमानुसार कोई भी बैंक नोट को बदलने व वापस लेने से मना नहीं कर सकती। बैंकों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि बैंक में 2005 के पहले के नोटों को तुरंत स्वीकार किया जाए और इनको दोबारा जारी न किया जाए। बैंकों को इन नोंटों को सीधे आरबीआई को वापस करने के निर्देश दिए गए हैं।