बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. EPFO gets loss in Share market
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 13 मार्च 2016 (12:35 IST)

ईपीएफओ को शेयर बाजार में नुकसान, मजदूर संगठन नाराज

ईपीएफओ को शेयर बाजार में नुकसान, मजदूर संगठन नाराज - EPFO gets loss in Share market
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को शेयर बाजार में घाटा होने के बाद देशभर के प्रमुख श्रमिक संगठनों ने भविष्य निधि (पीएफ) का जमा पैसा शेयरों में लगाने के फैसले का विरोध करते हुए इसे वापस लेने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
 
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी संगठन भारतीय मजदूर संघ के महासचिव बृजेश उपाध्याय ने कहा है कि सरकार कर्मचारी और मजदूरों की गाढ़ी कमाई की संरक्षक मात्र है और इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार को यह समझना चाहिए कि वह भविष्य निधि में जमा पैसा उसके पास श्रमिकों की अमानत है। इसे किसी भी तरह की जोखिम में नहीं डालना चाहिए।
 
ईपीएफओ के निवेश विश्लेषण के अनुसार संगठन ने पिछले वर्ष अगस्त से शेयर बाजारों में 5,920 करोड़ रुपए का निवेश किया है जिसका बाजार मूल्य गत माह के अंत तक 9.45 प्रतिशत घटकर 5,355 करोड़ रुपए रह गया है। इस पर देशभर के श्रमिक संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है और कहा है कि सरकार को शेयर बाजारों में पीएफ का पैसा लगाने का फैसला वापस लेना चाहिए।
 
उपाध्याय ने कहा कि संगठन के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की अगली बैठक में यह मामला उठाया जाएगा और सरकार से जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने कहा क‍ि हम तो पहले से ही इसका विरोध कर रहे थे और इसके पक्ष में नहीं थे। सरकार पर इस फैसले को वापस लेने का दबाव बनाया जाएगा। कर्मचारियों के पीएफ जमा पर कोई खतरा नहीं होना चाहिए। बोर्ड की अगली बैठक 29 मार्च को प्रस्तावित है।
 
केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने पिछले वर्ष मार्च में वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर भविष्य निधि में जमा राशि के कुछ हिस्से को शेयर बाजार में लगाने की मंजूरी दी थी और अगस्त में ईपीएफओ शेयर बाजार में उतर गया। 
 
बोर्ड ने स्पष्ट रूप से कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में भविष्य निधि में जमा राशि का केवल 5 प्रतिशत हिस्सा ही शेयर बाजारों में निवेश किया जाएगा। हालांकि वित्त मंत्रालय ने 15 प्रतिशत राशि शेयर बाजारों और संबंधित योजनाओं में निवेश करने का प्रस्ताव किया था।
 
सीटू के अध्यक्ष एके पद्मनाभन ने कहा कि सरकार को इस फैसले पर आगे बढ़ने से रोकने के लिए दबाव बनाएंगे। कर्मचारियों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
 
हिन्द मजदूर सभा के सचिव एडी नागपाल ने कहा कि शेयर बाजारों में निवेश करने का हम विरोध करते हैं। हम गरीब लोगों के इस पैसे के संरक्षक हैं और इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही है। बोर्ड की अगली बैठक में इस पर विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी।
 
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डीएल सचदेवा ने कहा कि शेयर बाजारों में निवेश करने का फैसला गलत था। इसके वापस लेने की मांग की जाएगी। इस तरह का नुकसान नहीं सहा जा सकता।
 
ईपीएफओ के जमा में इस वर्ष 1.15 लाख करोड़ रुपए का इजाफा होने की संभावना है। यह 8.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि का प्रबंधन करता है। इसके 5 करोड़ से अधिक अंशदानकर्ता हैं। (वार्ता)