शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. EPF employee
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 19 अप्रैल 2015 (11:43 IST)

ईपीएफ कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर!

ईपीएफ कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर! - EPF employee
नई दिल्ली। संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को जल्दी ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित ईपीएफ योजना तथा नई पेंशन योजना (एनपीएस) में किसी एक को चुनने का विकल्प मिल सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल अगले सप्ताह इस प्रस्ताव पर विचार कर सकता है।

यह प्रस्ताव कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान कानून 1952 में व्यापक संशोधन करने के लिए लाए जा रहे विधेयक का हिस्सा है। विधेयक में प्रस्तावित एक अन्य संशोधन के तहत केंद्र सरकार को मासिक आय की निश्चित सीमा के साथ कर्मचारियों द्वारा पीएफ (भविष्य निधि) में योगदान से छूट देने के लिए अधिकृत किया गया है।

एक सूत्र ने बताया कि विधेयक पर त्रिपक्षीय चर्चा पूरी हो गई है और केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए इस अगले सप्ताह रखा जाएगा। सूत्र ने यह भी कहा कि योजना के क्रियान्वयन के लिए ईपीएफओ नियामकीय निकाय होगा, क्योंकि ऐसे मामले हो सकते हैं, जहां कर्मचारी न तो ईपीएफ अपनाएं और न ही एनपीएस को लें।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के अपने बजट भाषण में कर्मचारियों द्वारा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में चुनने का विकल्प देने के प्रस्ताव की घोषणा की थी।

जेटली ने संसद में कहा था कि ईपीएफ के संदर्भ में कर्मचारियों को 2 विकल्प देने की जरूरत है। पहला, कर्मचारी ईपीएफ को अपना सकते हैं या नई पेंशन योजना (एनपीएस) को... अगर किसी कर्मचारी की मासिक वेतन निश्चित सीमा से कम है तो ईपीएफओ में योदान वैकल्पिक होना चाहिए लेकिन इसमें नियोक्ताओं का योगदान प्रभावित या कम नहीं होगा।

विधेयक में एक अन्य संशोधन वेतन की परिभाषा में बदलाव से जुड़ा है। इसके तहत मूल वेतन में कर्मचारियों को दिए जाने वाला सभी भत्ते शामिल होंगे। इससे कर्मचारियों एवं नियोक्ताओं का पीएफ योगदान बढ़ेगा लेकिन दूसरी तरफ कर्मचारियों के लिए बचत ज्यादा होगी। विधेयक के अनुसार वेतन का मतलब है कि सभी परिलब्धियां या पारितोषिक। इसमें वे भत्ते भी शामिल हैं, जो कर्मचारियों को नकद मिलते हैं।

योजना के तहत ईपीएफ में कर्मचारियों का योगदान उनके मूल वेतन का 12 प्रतिशत होता है। इतना ही योगदान नियोक्ताओं का होता है। नियोक्ताओं के योगदान में से 3.67 प्रतिशत ईपीएफ में, 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना तथा 0.5 प्रतिशत एंप्लायज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में जाता है।

मौजूदा समय में कुछ नियोक्ता वेतन को कई भत्तों में बांट देते हैं ताकि उनकी पीएफ जवाबदेही कम हो। संशोधन से इस मुद्दे का समाधान होगा। कर्मचारियों के प्रतिनिधि वेतन को जोड़ने को पक्ष में हैं।

हालांकि ट्रेड यूनियनों ने कर्मचारियों को ईपीएफ और एनपीएस में चयन का विकल्प देने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि एनपीएस सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं है बल्कि यह बचत योजना है कर्मचारियों द्वारा पीएफ योगदान में छूट के बारे में उनका मानना है कि इससे अनिवार्य सामाजिक सुरक्षा दायरा कमजोर होगा। (भाषा)