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Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 26 अप्रैल 2015 (21:23 IST)

पड़ोस में संकट के समय हाथ बढ़ाना मकसद : रक्षामंत्री

पड़ोस में संकट के समय हाथ बढ़ाना मकसद : रक्षामंत्री - Nepal Earthquake
नई दिल्ली। नेपाल में भूकंप के बाद भारत की ओर से ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू किए जाने की पृष्ठभूमि में  रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि सरकार का मकसद पड़ोस में किसी भी संकट के समय  सबसे पहले तत्काल प्रतिक्रिया देने का है।
 
पर्रिकर ने कहा कि भारत ने संकट के समय हमेशा दूसरे देशों की मदद की और नरेन्द्र मोदी सरकार के  समय यह बदलाव आया है कि ऐसे प्रयास ‘बहुत जल्दी’ शुरू कर दिए गए।
 
उन्होंने कहा कि नेपाल में अब तक 500 से अधिक भारतीयों को बाहर निकाला गया, जबकि रविवार को  नागरिक और वायुसेना के विमानों के जरिए 1,500 और लोगों को नेपाल से लाया लाएगा।
 
रक्षामंत्री ने कहा कि पड़ोस में भारत बड़ा देश है और हमने पड़ोसी देश की जरूरत में त्वरित समय में  प्रतिक्रिया दी है। चाहे वो नेपाल या मालदीव। पर्रिकर ने कहा कि इस बार यह फर्क है कि यहां नई  सरकार है और बचाव के प्रयास बहुत जल्द शुरू कर दिए गए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण  समारोह से इतर पत्रकारों से कहा कि किसी भी संकट के समय शुरूआती कुछ घंटे बहुत अहम होते हैं।
 
यह पूछे जाने पर कि नेपाल को इतने बड़े पैमाने पर मदद भेजने की वजह रणनीतिक है तो रक्षामंत्री ने  कहा कि यह रणनीतिक से अधिक हैं भारत नेपाल के साथ लंबे सांस्कृतिक और पारिवारिक रिश्ते साझा  करता है। हम जरूरत के समय किसी देश की मदद करने को प्रतिबद्ध हैं।
 
रक्षामंत्री पर्रिकर ने कहा कि पड़ोसी देशों ने भारत के साथ फिर से सहज महसूस करना शुरू कर दिया है।  उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे हमारे साथ सहज महसूस करें और यह फिर  से हो रहा है। मालदीव ने जलसंकट का सामना किया तो हम तत्काल आगे बढ़े। जब काठमांडू एक हादसे  से घिरा तो हमने तत्काल हाथ बढ़ाया। 
 
उन्होंने कहा कि यमन में भी सरकार तत्काल आगे बढ़ी और न सिर्फ भारतीय बल्कि करीब 1,200  विदेशी नागरिकों को भी सुरक्षित बाहर निकाला। पर्रिकर ने कहा कि सुरक्षा बलों से तीन ऐसे लोगों को  राहत अभियान में समन्वयन के लिए नेपाल में तैनात किया गया है जो स्थानीय भाषा जानते हैं।
 
रक्षामंत्री ने कहा कि उन्होंने सेना को निर्देश दिया है कि बिहार, उत्तरप्रदेश और भूकंप प्रभावित दूसरे  राज्यों के प्रशासन के साथ मिलकर काम करें। (भाषा)