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Last Modified: रामेश्वरम (तमिलनाडु) , बुधवार, 29 जुलाई 2015 (23:26 IST)

कलाम की पार्थिव देह रामेश्वरम लाई गई, अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

कलाम की पार्थिव देह रामेश्वरम लाई गई, अश्रुपूरित श्रद्धांजलि - DR. APJ Abdul Kalam
रामेश्वरम (तमिलनाडु)। रामेश्वरम की धरती के सबसे प्रसिद्ध सपूत और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके गृहनगर लाया गया और उनकी अंतिम झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग अश्रुपूरित नेत्रों के साथ कतारों में खड़े रहे।
नई दिल्ली से जब पूर्व राष्ट्रपति का पार्थिव शरीर यहां लाया गया तो लोगों के चेहरे पर अपने चहेते राष्ट्रपति के इस संसार से चले जाने का दुख साफ दिखाई दे रहा था।
 
जनता के राष्ट्रपति कहे जाने वाले कलाम के पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए यहां न्यू बस स्टैंड के पास लाया गया और इस दौरान मंडपम से रामेश्वरम तक के मार्ग पर दोनों ओर लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए खड़े थे।
जब भारत के ‘मिसाइल मैन’ की पार्थिव देह को लेकर वाहन रास्ते से गुजरा तो क्या युवा और क्या बुजुर्ग, सभी ने अपनी आंखें बंद करके और हाथ जोड़कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
 
वाहन को रामेश्वरम लाने के रास्ते में कई जगह पर सड़कों पर लोग एकत्रित हुए। लोगों को वाहन के चालक से धीरे चलाने का अनुरोध करते हुए भी देखा गया, जिससे वे देश के अत्यधिक लोकप्रिय रहे राष्ट्रपति के अच्छी तरह दर्शन कर सकें।
 
जब कलाम का पार्थिव शरीर मदुरै से यहां हैलीपैड पर लाया गया तो थोड़ी अफरा-तफरी की स्थिति बन गई और लोग हेलीकॉप्टर की ओर जाने की कोशिश करते देखे गए। हालांकि जल्द ही हालात को काबू में कर लिया गया।
 
हजारों लोगों ने पसीना बहाने वाली गर्मी की परवाह नहीं करते हुए कलाम के पार्थिव शरीर के रामेश्वरम तक लाए जाने का धीरज के साथ इंतजार किया। 83 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति का सोमवार को शिलांग में निधन हो गया था। 
 
कल ‘नमाज-ए-जनाजा’ के बाद यहां पूर्वाह्न 11 बजे कलाम का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत अनेक राजनीतिक दलों के नेता भाग लेंगे।
 
कलाम की पार्थिव देह को आज जनता की श्रद्धांजलि के बाद रात आठ बजे उनके परिवार के सुपुर्द कर दिया जाएगा। तमिलनाडु और पड़ोसी राज्य पुडुचेरी की सरकारों ने कलाम के सम्मान में कल सरकारी अवकाश घोषित किया है।
 
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर दिल्ली से कलाम की पार्थिव देह के साथ रामेश्वरम पहुंचे। यहां केंद्रीय राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन भी उनके साथ शामिल हुए, जो तमिलनाडु से ही हैं।
 
कलाम के परिवार ने उनका अंतिम संस्कार रामेश्वरम में किए जाने की इच्छा जताई थी, जहां उनका जन्म हुआ और साधारण-सी पृष्ठभूमि वाले परिवार के इस सदस्य ने बड़े सपने देखना जहां सीखा।
 
यहां के बाजारों और सड़कों पर पूर्व राष्ट्रपति का सादा जीवन और उनकी महान उपलब्धियां चर्चा का विषय रहीं। स्थानीय लोगों ने याद किया कि किस तरह कलाम रामेश्वरम को हराभरा बनाना चाहते थे।
 
लोगों ने बताया कि उनके प्रयासों से रामेश्वरम में 17 कुएं और जलाशयों की मरम्मत कराई गई। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, कलाम ने अपने पैतृक स्थान के लिए अनेक विकास कार्य कराए और हम अपना आभार जताने एकत्रित हुए हैं। 
 
आंखों में आंसू लिए छात्र गोपीनाथ ने कहा, मैं उन्हें करीब से देखना चाहता था, लेकिन भारी भीड़ की वजह से नहीं देख सका। मैं खुश हूं कि कम से कम मैं उस महान व्यक्ति की एक झलक तो पा सका, मैं इससे ही बहुत संतुष्ट हूं। मुझे उनका आशीर्वाद मिल गया। 
 
एक उपभोक्ता संगठन से जुड़े जयकंदन ने कहा, हमने उस वक्त उनसे मुलाकात की थी और उन्हें मंडपम तक ही पटरी बिछाने की रेलवे की योजना के बारे में बताकर इसे रामेश्वरम तक बढ़ाने के लिए उनके हस्तक्षेप का अनुरोध किया था। 
 
कलाम को श्रद्धांजलि देने वालों में द्रमुक कोषाध्यक्ष एमके स्टालिन, भाजपा से तमिलीसाई सुंदरराजन, माकपा के रामाकृष्णन, टीएमसी के जीके वासन और एमडीएमके के नेता वाइको भी शामिल रहे।
 
इससे पहले नई दिल्ली से भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से कलाम के पार्थिव शरीर को मदुरै हवाईअड्डे पर लाया गया। तमिलनाडु के राज्यपाल के. रोसैया ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
 
तमिलनाडु के वित्तमंत्री ओ पनीरसेल्वम और मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा भेजे गए कुछ और मंत्री भी इस दौरान उपस्थित थे। स्वास्थ्य कारणों से जयललिता कल कलाम के अंतिम संस्कार में भाग नहीं ले सकेंगीं।
 
‘जनता के राष्ट्रपति’ का अंतिम संस्कार पैकारम्बू में डेढ़ एकड़ के भूभाग पर किया जाएगा। (भाषा)