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Last Modified: अहमदाबाद , गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016 (19:22 IST)

इशरत, गुजरात पुलिस को साजिश के तहत फंसाया: डीजी वंजारा

इशरत, गुजरात पुलिस को साजिश के तहत फंसाया: डीजी वंजारा - DG Vanzara reacts to Headly’s revelations on LET terrorist Ishrat Jahan
मुंबई हमलों की साजिश रचने वाले आतंकी डेविड हेडली ने गुरुवार की पूछताछ में इशरत जहां को लश्कर आतंकी करार दिया है। इसके बाद से ही तथाकथित सेकुलरों की बोलती बंद है। इस खुलासे के बाद से ही देश में 2004 में हुए 'फर्जी मुठभेड़' मामले की आग को एक बार फिर सियासी हवा लग गई है।
इस मामले में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए गुजरात के पूर्व डीआईजी, डीजी वंजारा ने एक बार फिर अपना बचाव करते हुए कहा कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इशरत जहां का टारगेट थे और हमें इस बाबत खुफिया जानकारी मिली थी।...इस लड़की को मासूम छात्रा बताया जा रहा था, लेकिन आज झूठ का पर्दाफाश हुआ है।
 
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधि‍त करते हुए डीजी वंजारा ने कहा, 'हेडली ने कुछ नया नहीं कहा। यह बात हम 2004 से कहते आ रहे हैं। हमें इंजेलिजेंस से इनपुट मिली थी। इसी आधार पर हमने एनकाउंटर किया। आज के खुलासे के बाद यह साफ हो गया है कि मामले में गुजरात पुलिस की छवि को खराब करने की कोशि‍श की गई। राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इशरत जहां का टारगेट थे।' वंजारा ने आगे कहा कि हम आतंकवाद से लड़ रहे थे। एनकाउंटर सभी राज्यों में होते हैं और होते रहेंगे।
 
उन्होंने कहा, 'साफ जाहिर है कि गुजरात पुलिस को निशाना बनाया गया और छवि खराब करने की कोशि‍श की गई, इसलिए मैं इस मामले को राजनीतिक साजिश कहता हूं। मैंने यह तब भी कहा था और अब भी कहता हूं इस षड़यंत्र में राजनेता और एनजीओ शामिल हैं। सभी ने गुजरात पुलिस को निशाना बनाया।'
 
डीजी वंजारा ने कहा कि मुठभेड़ को लेकर सबसे पहले गुजरात पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, जिन सभी को मारा गया वो आतंकी थे। उन्होंने कहा, 'जो सवाल उठा रहे हैं, वह बताएं कि इशरत जहां पाकिस्तानी आतंकियों के साथ क्या कर रही थी? जब मुठभेड़ होती है तो दोनों ओर से गोलियां चलती हैं। आतंकवाद से लड़ने के क्रम में ऐसी कई घटनाएं होती हैं। कई बार आतंकियों को गिरफ्तार भी किया जाता है।' पूर्व अधिकारी ने कहा कि हम लोग इशरत जहां के बारे में बात करते रहे हैं, लेकिन कोई बाकी तीन के बारे में बात नहीं कर रहा, इनमें से दो तो पक्के तौर पर पाकिस्तानी थे।
 
वंजारा ने कहा कि 2004 के बाद कोर्ट ने उनके पक्ष को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा, 'लश्कर ने अपने मुखपत्र में भी इशरत जहां को अपना सदस्य बताया था। लेकिन मुठभेड़ को फर्जी बताया गया और गुजरात पुलिस के ख‍िलाफ केस दर्ज किया गया। लड़की को मासूम छात्रा भी बताया गया, लेकिन आज झूठ का पर्दाफाश हुआ है।' उन्होंने कहा कि मामले में फरवरी 2015 में जमानत मिलने के बाद से ही वह अदालत की शर्त के मुताबिक मुंबई में रह रहे हैं।
 
गौरतलब है कि फरवरी 2015 में कोर्ट ने यह कहते हुए डीजी वंजारा को जमानत दी थी कि वह 24 अप्रैल 2007 से जेल में बंद हैं और इस केस के सभी गवाह पुलिस अधिकारी होने कि वजह से उन्हें डराया धमकाया नहीं जा सकता।