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Last Modified: मंगलवार, 14 मार्च 2017 (17:35 IST)

दिल्ली निगम चुनाव, भाजपा नहीं देगी पार्षदों को टिकट

दिल्ली निगम चुनाव, भाजपा नहीं देगी पार्षदों को टिकट - Delhi Municipal Corporation Elections, BJP
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों के आगामी चुनाव में अपने मौजूदा पार्षदों और उनके रिश्तेदारों को टिकट नहीं देने का बड़ा फैसला किया है।      
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू तथा दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद पार्टी ने यह बड़ा फैसला किया कि निगमों के आगामी चुनाव में वर्तमान पार्षदों और उनके रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी ने यह निर्णय नए चेहरों और युवाओं को मौका देने के मद्देनजर लिया है। फिलहाल तीनों निगमों पर भाजपा का कब्जा है और कुल 272 वार्डों में करीब 153 उसके पार्षद हैं। 
        
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता बिजेंद्र गुप्ता, सांसद उदित राज और महेश गिरि के अलावा अन्य प्रदेश पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे। यह पूछे जाने पर कि पार्टी को इस फैसले से क्या नुकसान नहीं होगा, तिवारी ने कहा कि वे नए  और युवा चेहरों को मौका देना चाहते हैं। पार्टी का यह फैसला अच्छा है या बुरा दिल्ली की जनता इसका निर्णय करेगी।  
       
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार निगमों में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार आरोप लगाने संबंधी सवाल पर तिवारी ने कहा कि हमारे पार्षदों ने मेहनत और ईमानदारी के साथ धन की तंगी होने के बावजूद बहुत कार्य किए हैं। इसके बावजूद पार्टी नए और युवा चेहरों को आगे लाने के लिए यह फैसला कर रही है।
    
तिवारी ने कहा कि दिल्ली में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या पिछले दो साल से आम आदमी पार्टी की सरकार, निगमों को दी जाने वाली राशि को रोकने का काम सभी ने किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल स्वयं भ्रष्टाचारी हैं और उनके मंत्री हवाला और बलात्कार के आरोपों में घिर चुके हैं। वे अपने गिरेबान में झांके। पंजाब और गोवा के मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी के घमंड को चूर-चूर कर दिया। गोवा में तो पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई। 
        
यह पूछे जाने पर कि केजरीवाल ने निगमों के चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की बजाय मत पत्रों से कराने की मांग की है। तिवारी ने कहा कि यह काम चुनाव आयोग का है और वह जो भी फैसला करेगा उन्हें मंजूर है। अच्छा हो कि केजरीवाल पहले दिल्ली विधानसभा का चुनाव मतपत्रों से करा लें। 
         
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला। पार्टी और उसके सहयोगियों को कुल 403 सीटों में से 325 पर विजय मिली। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्ष मायावती ने ईवीएम में गड़बड़ियों का आरोप लगाया जिसका कई अन्य दलों ने भी समर्थन किया। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और केजरीवाल ने नगर निगम चुनाव ईवीएम की बजाय मतपत्रों से कराए जाने की मांग की है। (वार्ता) 
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