गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Dal prices
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 25 मई 2015 (19:27 IST)

दालों की कीमतों पर सरकार ऐसे लगाएगी लगाम

दालों की कीमतों पर सरकार ऐसे लगाएगी लगाम - Dal prices
नई दिल्ली। दालों की कीमत में एक वर्ष में 64 प्रतिशत की वृद्धि को देखते हुए सरकार इनकी आपूर्ति बढ़ाने के उपाय करना चाहती है ताकि इनकी कीमतों पर लगाम लगाई जा सके। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां कहा कि इन दिनों दालों को लेकर कुछ समस्या है क्योंकि इसकी फसल प्रभावित हुई  है और अंतरराष्ट्रीय बाजार भी ऊंचा है, इसलिए प्रधान सचिव ने एक बैठक बुलाई थी ताकि इसकी आपूर्ति बढ़ाकर कीमतों को नीचे लाया जा सके। 
जेटली मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक मल्टी मीडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस समय ऐसे दौर में महंगाई पर अंकुश की दृष्टि से दालों की आपूर्ति बढाने का महत्व है जबकि मौसम विभाग ने मानसून के सामान्य से कम रहने का अनुमान जताया है।
 
जेटली ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित और थोक बिक्री मूल्य सूचकांक आधारित, दोनों प्रकार की मुद्रास्फीति कम हुई है। साथ ही उन्होंने कहा ‍कि कभी-कभी एक विशेष मौसम में सब्जी जैसी कुछ चीजों की कीमतें बढ़ जाती है। मौसमी प्रभाव होते हैं और मौसम बदलने के साथ कीमत कम हो जाती है। 
 
पिछले एक वर्ष में बड़े शहरों में दालों की कीमत 64 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। इसका मुख्य कारण घरेलू उत्पादन में आई गिरावट है। फसल वर्ष 2014.15 (जून से जुलाई) में दलहन उत्पादन घटकर 1 करोड़ 84.3 लाख टन होने का अनुमान है जो उत्पादन इसके पिछले वर्ष 1 करोड़ 97.8 लाख टन का हुआ था। 
 
भारत वर्ष में 1.8 से दो करोड़ टन के बीच दलहनों का उत्पादन करता है और घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उसे 30 से 40 लाख टन गेहूं का आयात करना होता है। वर्ष 2013-14 में आयात 30 लाख टन का हुआ जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 34 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले दो वर्षों में आयात केवल निजी व्यापारियों के जरिए हुआ है।
 
लगातार दूसरे वर्ष मानसून खराब रहने की भविष्यवाणी के बीच सरकार एमएमटीसी जैसी सरकारी व्यापार कंपनियों के जरिए दलहनों का आयात करने के बारे में विचार कर रही है ताकि घरेलू आपूर्ति को बढ़ाया जा सके और खुदरा कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके।
 
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के द्वारा रखे जाने वाले आंकड़ों के अनुसार खुदरा कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि पिछले एक वर्ष में उड़द में देखने को मिली जबकि तुअर, मसूर, चना और मूंग दाल की कीमतें भी बढ़ी हैं। (भाषा)