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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 27 जुलाई 2016 (15:23 IST)

मप्र में दो महिलाओं की पिटाई, राज्यसभा में हंगामा

मप्र में दो महिलाओं की पिटाई, राज्यसभा में हंगामा - cow vigilantes bashing up women in MP
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में गौरक्षा के नाम पर दो मुस्लिम महिलाओं को कथित तौर पर पीटे जाने की घटना पर विरोध जताते हुए विपक्षी बसपा और कांग्रेस सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तथा आरोप लगाया कि गौरक्षा के नाम पर दलितों और मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है।
 
सदन की बैठक शुरू होने के बाद आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए गए। इसके तत्काल बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि गुजरात के उना में दलित युवकों को पीटे जाने की घटना के बाद मध्यप्रदेश में दो मुस्लिम महिलाओं को बीफ रखने के संदेह में गौरक्षकों के एक समूह ने पीटा।
 
मायावती ने आरोप लगाया कि मंदसौर रेलवे स्टेशन में पुलिस के सामने यह घटना हुई और पुलिस मूकदर्शक बनी रही तथा एक ओर भाजपा बालिकाओं की सुरक्षा तथा महिलाओं का सम्मान तथा गरिमा बनाए रखने की बात करती है और वहीं दूसरी ओर भाजपा शासित राज्य में महिलाओं के साथ गुंडे दुर्व्यवहार करते हैं।
 
बसपा नेता ने कहा कि इस घटना से कुछ ही दिन पहले गुजरात के उना में 4 दलित युवकों की पिटाई वाली घटना हुई थी। कांग्रेस सदस्यों ने मायावती की बात का समर्थन किया। मायावती ने संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से सवाल किया कि उनके समुदाय की महिलाओं को गौरक्षा के नाम पर निशाना क्यों बनाया जा रहा है? 
 
मायावती के अपनी बात पूरी करते ही बसपा कार्यकर्ता आसन के समक्ष आ गए। फिर कांग्रेस सदस्य भी आसन के सामने आ गए। मध्यप्रदेश की घटना पर विरोध जताते हुए इन सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
 
कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री गौरक्षा के नाम पर दलितों पर हो रहे हमलों के बारे में क्यों नहीं बोलते? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने तो चाय पर चर्चा की है, वे 'मन की बात' करते हैं लेकिन इस मुद्दे पर वे क्यों नहीं बोलते।
 
उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि शून्यकाल में अपने-अपने मुद्दे उठाने के लिए 13 सदस्यों ने नोटिस दिया है और शून्यकाल को बाधित करना सही नहीं है और अगर सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं तो उन्हें नोटिस देना चाहिए।
 
कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि आप अपने स्थानों पर जाइए। मैं सरकार से जवाब देने के लिए कहूंगा। उपसभापति ने मायावती और सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से कहा कि वे अपने अपने दलों के सदस्यों को वापस बुलाएं।
 
विपक्ष के नेता आजाद ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से हम गौरक्षा के खिलाफ नहीं हैं लेकिन गौरक्षा की आड़ में हम दलितों और मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने के खिलाफ हैं। आसन के सामने नारेबाजी कर रहे सदस्यों के अपने स्थानों पर लौट जाने के बाद संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश को लाठी डंडों से नहीं, बल्कि कानून और संविधान के माध्यम से चलाया जाता है।
 
नकवी ने कहा कि किसी भी राज्य में किसी भी रूप में हिंसा होती है तो वह निंदनीय है तथा हम दलितों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को किसी भी तरह सही नहीं ठहराते। संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने कहा कि कथित मामले में मध्यप्रदेश सरकार ने तत्काल कार्रवाई की और एक मामला दर्ज किया है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार विकास करने तथा दलितों और मुस्लिमों के बीच विश्वास बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। नकवी ने विपक्षी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठें और देश में सांप्रदायिक सद्भाव तथा शांति को नुकसान न पहुंचाएं। (भाषा)