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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 1 अगस्त 2015 (19:05 IST)

आतंकवाद पर भाजपा-कांग्रेस में जंग

आतंकवाद पर भाजपा-कांग्रेस में जंग - Congress on Hindu terrorism
नई दिल्ली। आतंकवाद पर संसद में केंद्रीय मंत्री राजनाथसिंह के बयान पर भाजपा और कांग्रेस में जंग छिड़ गई है। कांग्रेस ने भाजपा पर राजनीतिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि राजनाथ ने गुरदासपुर में हाल में हुई घटना पर संसद में दिए बयान में ‘हिन्दू आतंकवाद’ का इस्तेमाल आतंकवाद पर सरकार की विफलता से ध्यान हटाने के लिए किया है। भाजपा ने इस पर प्रहार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान का सहारा लिया।

 
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सिंह ने सोच-विचार कर एक रणनीति के तहत सरकार की विफलता और खासकर आतंकवाद एवं सीमा पार से जारी संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाओं को रोकने में अपनी असमर्थता को छिपाने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में गृहमंत्री रहे सुशीलकुमार शिंदे का संदर्भ ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर गलत तरीके से किया जा रहा है। उनका कहना था कि शिंदे ने इस शब्द का जिक्र संसद में नहीं बल्कि पार्टी फोरम में किया था।

आजाद ने कहा कि आतंकवाद गंभीर समस्या है और इस पर संसद में बहस करानी चाहिए। बहस के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर जवाब दें और देश के समक्ष यह स्पष्ट करें कि आतंकवाद से निबटने की उनकी रणनीति क्या है। वह यह भी बताएं कि पाकिस्तान के साथ उनकी नीति क्या है और ऊफा में वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ उनकी क्या बात हुई है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है। पिछले छह दिन में संघर्ष विराम के उल्लंघन की पांच घटनाएं हो चुकी हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार आतंकवाद पर संसद में बहस कराने की बात कर रही है लेकिन उसे इस मुद्दे पर बहस की बात पिछले एक साल से जारी आतंकवादी घटनाओं के दौरान क्यों नहीं सूझी। कांग्रेस लगातार आतंकवाद पर बहस कराने की मांग करती रही है लेकिन आज जब संसद में गतिरोध बना तब सरकार को इस मुद्दे पर बहस कराने का होश आया।      

उन्होंने कहा कि हमारे यहां का आतंकवाद स्वदेशी नहीं बल्कि विदेशी है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है। सरकार आतंकवाद से निबटने में असफल रही है। सीमा पार से लगातार संघर्ष विराम की घटनाएं हो रही है। उनका कहना था कि सरकार में आने से पहले भाजपा और मोदी जी आतंकवाद तथा पाकिस्तान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते थे और उनकी बातों को सुनकर देश की जनता ने उन पर भरोसा भी किया लेकिन अब इन सब मुद्दों पर बात नहीं हो रही है, जिनकों लेकर भाजपा सत्ता में आई है।

प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म अथवा जाति से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है। मालेगांव, मक्का मस्जिद और समझौता एक्सप्रेस में हुए धमाकों की जांच का काम भी तेजी से होना चाहिए और इससे जुड़े भाजपा तथा संघ परिवार के लोगों को भी सजा मिलनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को जांच का काम धीरे से करने को कहा गया है। उनका कहना था कि यह आदेश किसने दिया है और उसके पीछे किन लोगों का हाथ है इसकी जांच होनी चाहिए।
अगले पन्ने पर... भाजपा का पलटवार

भाजपा ने हिन्दू आतंकवाद के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर फिर प्रहार करते हुए उसे 2010 में राहुल की खबरों में आई वह टिप्पणी याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि कट्टरपंथी हिन्दू समूह आतंकवादी समूह लश्करे तैयबा के लिए स्थानीय समर्थन से ज्यादा बड़ा खतरा हो सकते हैं।

भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर पलटवार किया। इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह समाज का धुव्रीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं तथा हिन्दू आतंकवाद के मुद्दे को हवा देकर सरकार की विफलता से ध्यान हटा रहे हैं।

आजाद ने दावा किया कि उनकी पार्टी को आतंकवाद पर भाजपा से कोई सबक लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी के बलिदान की मिसाल दी जिनकी जान आतंकवादियों ने ली थी।

भाजपा नेता प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने सही सबक (इन बलिदानों से) नहीं लिया। यदि उसने ऐसा किया होता तो आतंकवाद के मामले में उसमें पसोपेश नहीं होता।' उन्होंने इस सिलसिले में पूर्व गृह मंत्रियों पी चिदंबरम एवं सुशील शिंदे द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द भगवा आतंकवाद एवं हिन्दू आतंकवाद तथा राहुल की टिप्पणियों का हवाला दिया।