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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 4 सितम्बर 2015 (20:04 IST)

कोलगेट : सीबीआई ने आरोपियों से पूछी उनकी राय

कोलगेट : सीबीआई ने आरोपियों से पूछी उनकी राय - Coal scam
नई दिल्ली। सीबीआई ने विशेष अदालत से कहा कि कोयला घोटाला मामले में सभी 15 आरोपी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बतौर आरोपी तलब किए जाने के अनुरोध वाली याचिका का समर्थन करते हैं या विरोध।
विशेष सरकारी अभियोजक आरएस चीमा ने अदालत से कहा कि अगर कोड़ा की याचिका को अनुमति दी  जाती है, तो इससे अदालत के समक्ष मौजूद 15 आरोपियों के अलावा मनमोहन सिंह समेत 3 लोगों की  संयुक्त सुनवाई करनी होगी।
 
उन्होंने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर के समक्ष कहा कि अगर कोड़ा की याचिका को  अनुमति दी जाती है तो इससे यहां मौजूद आरोपियों तथा जिन लोगों को समन करने का आग्रह किया  गया है, उनकी संयुक्त सुनवाई करनी होगी। हमें यह देखना है कि क्या सभी आरोपी याचिका का समर्थन  करते हैं या विरोध। 
 
अदालत ने अन्य आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों से इस बारे में जानना चाहा। वकीलों ने  कहा कि उन्होंने कोड़ा का आवेदन नहीं देखा है और इससे अवगत नहीं हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री ने कौन सा  आधार अपनाया है।
 
इसके बाद अदालत ने कोड़ा से अपने आवेदन की प्रति अन्य आरोपियों को देने को कहा है और मामले  की सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तारीख तय की।
 
मामला जिंदल समूह की दो कंपनियों जिंदल स्टील एंड पॉवर लि. (जेएसपीएल) तथा गगन स्पांजी  आयरन प्राइवेट लि. को झारखंड में अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लाक के आबंटन से जुड़ा है।
 
इस मामले में सीबीआई कोड़ा, कांग्रेस नेता एवं उद्योगपति नवीन जिंदल तथा 13 अन्य के खिलाफ  आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। अदालत कोड़ा की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें तत्कालीन ऊर्जा  सचिव आनंद स्वरूप, तत्कालीन सचिव (खान एवं भूगर्भ) जयशंकर तिवारी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री सिंह  को बतौर अन्य आरोपी के रूप में तलब किए जाने का अनुरोध किया गया है। 
 
याचिका में दलील दी गई है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री को शामिल किए बिना सीबीआई का साजिश का  सिद्धांत अपूर्ण है। सिंह उस समय कोयला मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
 
कोड़ा ने कहा है कि कोयला ब्लॉक के आबंटन के मामले में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार सिंह के पास  था और अपने निर्णय के नतीजे से बच नहीं सकते।
 
उन्होंने कहा कि कोयला मंत्री (सिंह) हर चीज से वाकिफ थे और अगर यह साजिश थी जैसा कि सीबीआई  कह रही है तो यह कोयला मंत्री की जानकारी के बिना पूरी नहीं हो सकती। (भाषा)