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Last Modified: मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019 (09:07 IST)

नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में उतरे दो राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यसभा में पारित नहीं करने की अपील

Citizenship Amendment Bill। नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में उतरे दो राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यसभा में पारित नहीं करने की अपील - Citizenship Amendment Bill
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू और मणिपुर के एन बीरेन सिंह ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में अपनी आवाज उठाई और राज्यसभा में इसे पारित नहीं करने की गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अपील की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

भाजपा के दोनों मुख्यमंत्रियों ने 30 मिनट की बैठक के दौरान गृहमंत्री को पूर्वोत्तर की मौजूदा स्थिति के बारे में अवगत कराया जहां इस विधेयक के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृहमंत्री से अनुरोध किया कि पूर्वोत्तर के लोगों को नागरिकता संशोधन विधेयक पर राजी करने से पहले इसे पारित नहीं कराया जाए। साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की सांस्कृतिक एवं भाषाई पहचान के संरक्षण की भी मांग की।

अधिकारी ने बताया कि गृहमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को चिंता न करने को कहा और आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर के मूल निवासियों के अधिकारों को कमजोर नहीं किया जाएगा।

इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल की बजाय महज 6 साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी।

इस विधेयक को शीतकालीन सत्र के दौरान 8 जनवरी को लोकसभा ने पारित कर दिया था और राज्यसभा में इसे आज पेश किया जा सकता है। असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का कड़ा विरोध किया जा रहा है।
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