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Last Modified: सोमवार, 4 जनवरी 2016 (20:04 IST)

आतंकी हमले के बाद टला डोभाल का चीन दौरा

आतंकी हमले के बाद टला डोभाल का चीन दौरा - China, Ajit Doval
बीजिंग। पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर किए गए हमले के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की चीन यात्रा को टाल दिया गया है। चीन के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत के लिए डोभाल की यह यात्रा मंगलवार से से शुरू होनी थी।

चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम संबंधी समस्याओं के चलते यात्रा टाल दी गई है। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि डोभाल की यात्रा का कार्यक्रम दोबारा बनाया जाएगा क्योंकि इस समय वह पठानकोट की घटना से निपटने में व्यस्त हैं।
 
डोभाल भारत-चीन सीमा वार्ताओं के विशेष प्रतिनिधि भी हैं। उन्हें कल यहां दो दिवसीय यात्रा पर आना था, जिसके दौरान उन्होंने अपने चीनी समकक्ष यांग जीची के साथ सीमाई विवाद समेत प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करनी थी। उन्होंने चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग से भी बुधवार को मुलाकात करनी थी।
 
डोभाल और यांग सीमाई मुद्दे पर वार्ताओं के विशेष प्रतिनिधि हैं। अब तक दोनों देश सीमा वार्ताओं के 18 दौर आयोजित कर चुके हैं। चीन में भारत के राजदूत अशोक कंठ ने कहा था कि डोभाल ने चीनी नेताओं के साथ ‘रणनीतिक विचार-विमर्श’ करना था। उन्होंने कहा कि यह यात्रा विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के लिए नहीं है। इंस्टीट्यूट ऑफ सदर्न एंड सेंट्रल एशियन स्टडीज के निदेशक वांग देहुआ ने डोभाल की यात्रा के संदर्भ में सरकारी ग्लोबल टाइम्स को बताया कि ‘दोनों देशों के बीच जल्दी-जल्दी बातचीत से लंबी सीमा के विवाद को सुलझाने में गति मिलेगी।
 
इस सीमा में पश्चिमी क्षेत्र के साथ उत्तरपश्चिमी चीन का शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र और पूर्वी क्षेत्र के साथ दक्षिणपश्चिमी चीन का तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र शामिल है।’ डोभाल की चीन यात्रा से पहले वर्ष 2015 में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच जल्दी-जल्दी वार्ताएं हो चुकी हैं। चाइना इंस्टीट्यूट्स ऑफ कंटेंपररी इंटरनेशनल रिलेशन्स में दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ फू शिआओकियांग ने कहा कि चीन और भारत ने वार्ता के जरिए सीमा विवाद सुलझाने के साथ-साथ सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग मजबूत किया है। 
 
फू ने कहा कि दोनों देश आपसी समझ और समझौतों के अनुरूप सीमा विवाद को सुलझाने के लिए पहले ही सहमत हो चुके हैं लेकिन इसके क्रियांवयन में कई कठिनाइयां हैं। इन कठिनाइयों में भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा चिन्हित करना शामिल है।
 
वांग ने कहा कि चीन और भारत वाषिर्क वार्ताएं करने के बजाय तिमाही वार्ताएं आयोजित करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने विभिन्न स्तरों पर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चाओं को बढ़ाने पर सहमति बनाई है। वांग ने कहा कि सीमा विवाद के निपटान से दोनों देशों के बीच झगड़े कम हो सकते हैं, आपसी विश्वास मजबूत हो सकता है और क्षेत्रीय शांति बनी रह सकती है। (भाषा)