शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
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Written By Author सुरेश एस डुग्गर

सीजफायर के उल्लंघन से बाज नहीं आ रही पाक सेना

सीजफायर के उल्लंघन से बाज नहीं आ रही पाक सेना - Ceasefire violations, Jammu and Kashmir, border, Pakistani military
श्रीनगर। राज्य में टूरिज्म को पलीता लगाने में पाक सेना की भी अहम भूमिका मानी जा रही है। जहां कश्मीर के टूरिज्म को क्षति पहुंचाने की कोशिशें उसके पिठ्ठू आतंकियों द्वारा की जा रही है तो सीमाओं पर सीजफायर का बार-बार उल्लंघन कर वह टूरिज्म विभाग की बार्डर टूरिज्म योजनाओं पर पानी फेर रही है। सीजफायर के सवा छह सालों के अरसे में बार्डर टूरिज्म की योजना को परवान चढ़ाने की कोशिशों को अब पाक सेना नेस्तनाबूद करने की कवायद में जुटी हुई है।
ऐसे में सीमांत लोगों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि पहले वह पाकिस्तान से बात करे और इस बात की गारंटी ले कि कुछ नहीं होगा। फिर पर्यटन ढांचे को मजबूत किया जाए। इतना जरूर था कि जम्मू संभाग के मंडलायुक्त डॉक्‍टर पवन कोतवाल भी मानते थे कि इस तरह की घटनाएं बार्डर टूरिज्म के लिए खतरा हैं। हालांकि उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं रोज नहीं होतीं। बार्डर टूरिज्म की योजना एक लंबी सोच को लेकर बनाई गई है जिसे पूरा करने पर इन चीजों को नजरअंदाज करना ही पड़ेगा।
 
पर यह सच है कि चाहे वह सांबा सेक्टर हो, अखनूर का कान्हा चक हो या फिर रणवीर सिंह पुरा या फिर अरनिया सेक्टर। कई बार यहां पर तारबंदी काटकर घुसपैठ की कोशिश की गई। कुछ दिन पहले ही आरएस पुरा सेक्टर में एक घुसपैठिए को जवानों ने मार गिराया था। वहीं दो दिन पहले फिर पाक की ओर से घुसपैठ कराने की कोशिश की गई। कई स्थानों पर काटी गई तार से साफ जाहिर होता था कि घुसपैठिए पूरी फिराक में थे। जबकि इंटरनेशनल बार्डर पार करके इस ओर आए चार आतंकियों द्वारा मचाए गए कहर के बाद तो बार्डर टूरिज्म के बारे में अब कोई सोचता भी नहीं है। 
 
इन घटनाओं से साबित होता है कि टूरिज्म विभाग के लिए बार्डर टूरिज्म को बढ़ावा देना टेढ़ी खीर जैसा होगा। बार्डर के लोगों से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या बार्डर टूरिज्म पर इसका असर पड़ेगा, तो कोई ना न कह सका। उनका कहना है कि जब भी कभी सीजफायर का उल्लंघन होता है तो काफी सख्ती कर दी जाती है। अगर ऐसा ही माहौल रहा तो टूरिस्ट यहां पर कैसे आएंगे। 
 
राज्य के टूरिज्म विभाग ने बार्डर टूरिज्म के रूप में सांबा सेक्टर के चमलियाल गांव को बार्डर टूरिज्म विलेज बनाने की योजना पर अमल किया गया है। काम भी लगभग पूरा हो गया है। इसी तरह से विभाग ने सुचेतगढ़ को भी बार्डर विलेज बनाने का प्लान तैयार किया है। इसके तहत हाल ही में बैसाखी महोत्सव के दौरान कायर्क्रम आयोजित किए गए, परंतु पिछले कुछ समय से इंटरनेशनल बार्डर पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है। 
 
हालांकि सुरक्षा एजेंसियां एवं टूरिज्म विभाग नहीं मानता कि इससे बार्डर टूरिज्म पर कोई असर पड़ेगा, लेकिन इतिहास गवाह रहा है कि बार्डर पर तनाव होने पर आसपास के गांवों से लोग पलायन कर जाते हैं। बार्डर पर लोगों की आवाजाही बंद कर दी जाती है। यही नहीं, बार्डर पर शाम 6 बजे के बाद किसी को अपने खेतों में आने तक नहीं दिया जाता। ऐसे में आक्ट्राय पोस्ट (सुचेतगढ़) पर विकसित होने वाले पर्यटन ढांचे को तो मुहैया करा दिया जाएगा लेकिन तनाव होने पर उसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा, यह एक कड़वी सच्चाई है।