कैंसर कोशिकाओं का पता लगाएगा 'माइक्रो रॉकेट'
मुंबई। भारत और जर्मनी के वैज्ञानिकों के एक समूह ने शरीर में बड़ी संख्या में मौजूद रक्त कोशिकाओं में ट्यूमर कोशिकाओं की पहचान कर पाने में सक्षम कार्बन नैनोट्यूब से माइक्रो रॉकेट बनाने का दावा किया है।
पुणे के एक अनुसंधानकर्ता जयंत खंडारे ने कहा कि अरबों स्वस्थ रक्त कोशिकाओं में छिपी कुछ कैंसर उत्पन्न करने वाले कोशिकाओं को पकड़ना और कैंसर का पता लगाना चिकित्सकों के लिए मुश्किल कार्य है। हम लोगों ने इस चुनौती से पार पा लिया है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कृत्रिम कोशिका सस्पेंशन में इन रॉकेटों को ऊपर-नीचे ढकेलने के लिए एक रसायन का ईंधन के रूप में उपयोग किया है।
खंडारे ने कहा कि हम लोग कैंसर के प्रकार का पता लगाने के लिए ट्यूमर कोशिकाओं की पहचान करने और एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में समर्थ थे। इन माइक्रो रॉकेटों का उपयोग रसायनों का पता लगाने या पहचान करने और ‘नॉन-इनवेसिव’ सर्जरी के दौरान दवा देने तथा उत्तकों को प्रविष्ट कराने के लिए किया जा सकता है।
वैज्ञानिक ने इसके लिए पहले माइक्रोफ्लुइडिक उपकरणों का प्रयोग किया था लेकिन यह सही तरीके से कार्य नहीं कर पा रहा था।
खंडारे के अनुसार अनुसंधान ऑक्टोरियस इनोवेशन्स एंड रिसर्च, महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी और ‘फ्री यूनिवर्सिटी बर्लिन’ के रसायन विभाग के अनुसंधानकर्ताओं ने संयुक्त रूप से इस सक्षम माइक्रो रॉकेट का विकास किया है। (भाषा)