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Last Modified: रविवार, 29 नवंबर 2015 (14:35 IST)

बीएसएफ में भी महिलाएं सीधे बनेंगी अफसर

बीएसएफ में भी महिलाएं सीधे बनेंगी अफसर - BSF, women, officers
नई दिल्ली। भारतीय सीमाओं के प्रहरी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपने 5 दशकों के इतिहास में बड़ा कदम उठाते हुए महिलाओं को बल में अधिकारी बनाने के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं और महिला अधिकारियों के पहले बैच का प्रशिक्षण अगले साल फरवरी में शुरू हो जाएगा। 
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने हाल ही में महिलाओं को अपने बल में अधिकारी बनाने का निर्णय लिया था और इसके बाद बीएसएफ ने इस दिशा में पहल की है। महिला अधिकारियों की सहायक कमांडेंट के रूप में सीधी भर्ती की जाएगी और इनके पहले बैच को मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित टेकनपुर अकादमी में प्रशिक्षित किया जाएगा। 
 
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बल गठन के इसी 1 दिसंबर को 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं और इस मौके पर की गई पहल को बल में सुधारों की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। बल में अभी तक महिलाओं को उपनिरीक्षक तथा सिपाही के पद पर ही भर्ती किया जाता रहा है। 
 
ये महिलाएं लड़ाकू भूमिका से लेकर अन्य सभी शाखाओं में तैनात हैं। इनकी भर्ती 1972 में शुरू की गई थी और 2008 में इन्हें लड़ाकू भूमिका में उतारा गया। समय के साथ-साथ इनकी संख्या बढती गई तथा बल में अभी 42 महिलाएं उपनिरीक्षक और 3,280 सिपाही हैं।
 
बल में शामिल महिलाकर्मियों को बांग्लादेश तथा पाकिस्तान से लगती सीमा पर भी तैनात किया गया है, जहां ये अग्रिम पंक्ति में सीमा की चौकसी कर छद्मयुद्ध का मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं। बांग्लादेश से जाली मुद्रा की तस्करी और महिलाओं की घुसपैठ के मद्देनजर इनकी भूमिका को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 
 
बीएसएफ का मानना है कि महिलाकर्मी अपने पुरुष सहकर्मियों के समान हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और बल उन्हें इसके लिए ढांचागत जरूरतों सहित हर तरह की सुविधा उपलब्ध करा रहा है। उनके लिए स्थानांतरण नीति भी अलग बनाई गई है।
 
बल में हर वर्ष लगभग 1,000 महिलाओं की अलग-अलग पदों पर भर्ती की जा रही है और जल्द ही इनकी संख्या कुल संख्या का 5 फीसदी हो जाएगी। (वार्ता)