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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 30 अक्टूबर 2014 (21:35 IST)

कालेधन के सभी दोषियों की खबर लेगा एसआईटी

कालेधन के सभी दोषियों की खबर लेगा एसआईटी - Black money
नई दिल्ली। काले धन मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गुरुवार को कहा कि वह ‘छोटे या बड़े’ सभी दोषियों  का पीछा करेगा और अपनी रिपोर्ट दिसंबर के पहले सप्ताह तक दाखिल कर देगा।
एसआईटी ने यह भी कहा है कि वह सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को सौंपे गए 600 खाताधारकों के नाम के अलावा और नाम भी जुटा रहा है। सरकार ने एचएसबीसी बैंक, जिनीवा में खाता रखने वाले 600 लोगों के नाम गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को सौंपे थे।

दल ने कहा है कि उसके लिए सभी समान है और वह किसी भी अपराधी को छोड़ेगा  नहीं। एसआईटी के चेयरमैन न्यायाधीश एमबी शाह ने यहां अपनी टीम के सदस्यों की बैठक  के बाद कहा, ‘दूसरी रिपोर्ट तीन या चार दिसंबर को उच्चतम न्यायालय को सौंप दी जाएगी।’ पहली रिपोर्ट इस साल अगस्त में सौंपी गई थी। 
 
एसआईटी के उप प्रमुख न्यायाधीश अरिजित पसायत ने कहा,‘ हमारे लिए कोई छोटा या बड़ा नहीं है। सभी बराबर हैं। जिसने भी इस देश को लूटा है उसे पकड़ा जाएगा और दंडित किया जाएगा, आर्थिक रूप से तथा अन्य तरीकों से भी। 

न्यायाधीश शाह ने कहा कि अब तक उन्होंने देश की कई बड़ी हस्तियों के खिलाफ अनेक मामलों में फैसले किए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम चिंता नहीं करेंगे कि कौन बड़ा है। हम उनसे देश के निर्धनतम व्यक्ति के समान ही व्यवहार करेंगे।’ ये दोनों उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं।
 
काले धन पर एसआईटी के चेयरमैन एम बी न्यायाधीश शाह ने कहा कि अब तक उन्होंने देश की कई बड़ी हस्तियों के खिलाफ अनेक मामलों में फैसले किए हैं। उन्होंने टीवी चैनलों से कहा,‘हम चिंता नहीं करेंगे कि कौन बड़ा है। हम उनसे देश के निर्धनतम व्यकित के समान ही व्यवहार करेंगे। ए दोनों उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं।
 
विदेशों में बैंक खाते रखने वालों के नाम का खुलासा किए जाने को लेकर जारी बहस के बीच एसआईटी के चेयरमैन ने कहा कि गोपनीयता समझौते का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। इन नामों के खुलासे से अन्य देशों के साथ भावी सहयोग खतरे में पड़ने की आशंका है।
 
उन्होंने कहा,‘गोपनीयता अंतरराष्ट्रीय समझौता है। आप इस समझौते का उल्लंघन नहीं कर सकते। अगर आप इसका उल्लंघन करते हैं तो वे और सूचनाएं नहीं देंगे और दूसरे देशों से पुष्टि जरूरी है। किसी व्यक्ति का खाता होने का एक सबूत होता है जो आपको नहीं मिलेगा। न्यायाधीश शाह ने कहा कि विदेशों में धन जमा करने वाले लोगों के खिलाफ जांच ‘बहुत तेज’ गति से होगी और उनके खिलाफ जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
 
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह कहना कठिन है कि हम काला धन कब वापस ला रहे हैं। लेकिन कम से कम जांच बहुत तेजी से चल रही हे और इसका कुछ परिणाम तो आएगा। न्यायाधीश शाह ने कहा कि जांच की गति धीमी नहीं है। विभाग को कई प्रक्रियाओं का पालन करना होता है जिसमें नोटिस जारी करना, व्यक्ति का पक्ष सुनना तथा तब आदेश पारित करना शामिल है।
 
उन्होंने कहा,‘यदि आदेश भी जारी किया जाता है तो प्रभावित पक्ष अदालत जाकर स्थगन ले आता है, ऐसे हालात में यह कहना कठिन है कि विभाग तेजी से काम नहीं कर रहा। विभाग तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने (विभाग तथा अधिकारियों ने) कदम उठाए हैं। न्यायाधीश शाह ने कहा कि काला धन जमा कराने वालों के खिलाफ ‘वाजिब समय के अंदर’ अधिक मामले चलाए जाएंगे। एसआईटी जानकारी अन्य एजेंसियों के साथ भी साझा कर रही है ताकि उनकी जांच को गति दी जा सके।
 
अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने एचएसबीसी बैंक, जीनिवा में खाता रखने वाले 627 नामों की एक सूची गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में सौंपी। ए नाम पहले भी एसआईटी को दिए गए थे।

न्यायाधीश शाह ने कहा कि अब तक उन्होंने देश की कई बड़ी हस्तियों के खिलाफ अनेक मामलों में फैसले किए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम चिंता नहीं करेंगे कि कौन बड़ा है। हम उनसे देश के निर्धनतम व्यक्ति के समान ही व्यवहार करेंगे।’ ये दोनों उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं।

न्यायाधीश शाह ने कहा कि एसआईटी के विभिन्न सदस्यों के साथ सूचना साझा करने में  कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘कुछ मामले ईडी व सीबीआई के पास भी है और साझा करने में कोई दिक्कत नहीं है। जो सूचना साझा की जा सकती है वह साझी की जा रही है।’ 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने विदेशी बैंकों के जरिए काले धन के लेनदेन की  संभावना को भी खारिज नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘जरूर हुआ होगा..पर फिलहाल हमारे  पास उसकी सूचना नहीं है।’ 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव (राजस्व) एसआईटी में सदस्य सचिव हैं। यह अधिकारी सभी एजेंसियों में समन्वय कर रहे हैं और सूचनाओं को साझा करने में कोई दिक्कत नहीं है। एसआईटी की पहली बैठक 2 जून को हुई थी। (भाषा)