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Last Updated : सोमवार, 22 सितम्बर 2014 (11:09 IST)

शिवसेना-भाजपा गठबंधन : मोदी ने डाली शाह के पाले में गेंद

शिवसेना-भाजपा गठबंधन : मोदी ने डाली शाह के पाले में गेंद - bjp-shivsena
नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी गठबंधन सहयोगी भाजपा को रविवार को 119 से अधिक सीटें देने से मना कर दिया जिसके बाद कल भाजपा की बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। इसके बाद यह मामला दिल्ली में नरेन्द्र मोदी के समक्ष रखा ‍गया। मोदी ने गेंद को फिर से अमित शाह के पाले में डाल दी है।
 

अमित शाह ने कहा है कि उद्धव ठाकरे को लचीला रुख अपनाएं। अमिता शाह ने यह भी कहा कि 59 सीटों पर शिवसेना को फिर से विचार करना चाहिए। यह वह सीटें हैं जिस पर शिवसेना कभी नहीं जीती।

बहरहाल, दोनों दल 25 वर्ष पुराने गठबंधन को बचाने की कोशिशों में लगे हुए हैं, लेकिन यदि भाजपा ने उद्धव का 151, 119 और 18 का फॉमूला नहीं माना तो गठबंधन का टूटना तय हो जाएगा, क्योंकि उद्धव ने कह दिया है कि 151 से कम पर हम नहीं मानेंगे। मयायुति टूटती हो तो टूट जाए। अब फैसला भाजपा को करना है।
 
पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के नेता शिवसेना नेतृत्व के साथ बातचीत के नए दौर की उम्मीद के साथ सोमवार सुबह विमान से मुंबई जाएंगे। अगले माह होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और शिवसेना ने अपने उम्मीदवारों का चयन लगभग कर लिया है लेकिन सूची की घोषणा नहीं की है। उन्हें गठबंधन को बचाने के लिए आखिरी प्रयास के नतीजे का इंतजार है।
 
भाजपा के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी राजीव प्रताप रूडी ने यहां पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद कहा, ‘यह तय किया गया कि सीटों के बंटवारे पर और गठबंधन बनाए रखने के लिए एक सम्मानजनक तथा परिपक्व तालमेल सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। भाजपा विधानसभा चुनाव शिवसेना और गठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ मिल कर लड़ना चाहती है।’ समझा जाता है कि केंद्रीय चुनाव समिति ने 180 प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा के बाद 120 उम्मीदवारों के नाम चुने हैं।
 
इसके बाद, भाजपा को 119 सीटें देने की उद्धव ठाकरे की जिद के संदर्भ में रणनीति पर चर्चा के लिए भाजपा संसदीय दल की औपचारिक बैठक हुई। दोनों ही बैठकें 3 घंटे से अधिक चलीं और इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, जुआल ओराम के अलावा शाहनवाज हुसैन, संगठन मंत्री रामलाल आदि मौजूद थे। अरूण जेटली, वेंकैया नायडू किसी कारण से बैठक में हिस्सा नहीं ले सके।
 
समझा जाता है कि शाह ने भाजपा की बैठकों के बीच उद्धव से बात की लेकिन इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया। कुछ भाजपा नेताओं ने स्पष्ट किया कि अगर शिवसेना नहीं मानती तो पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। शिवसेना की ओर से भाजपा को 119 से ज्यादा सीटें दिए जाने से उद्धव के इनकार के कुछ घंटों बाद भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगी से कहा कि आपसी रिश्ते को बनाए रखना दोनों दलों का कर्तव्य है और मीडिया के जरिए अपनी बात रखने के बजाय मुद्दों को सुलझाना चाहिए।
 
भाजपा का कहना है कि शिवसेना ‘थोड़ा त्याग’ करे क्योंकि भाजपा चुनाव जीतने और गठबंधन बचाने के लिए अतीत में ‘त्याग’ करती रही है इससे पहले, उद्धव ठाकरे की ओर से भाजपा को की गई 119 सीटों की पेशकश केंद्र में सत्ताधारी पार्टी ने ठुकरा दी थी। शिवसेना की इस पेशकश के बाद दिन में भाजपा ने कहा कि इसमें ‘कुछ भी नया नहीं’ है। भाजपा ने उम्मीद जताई कि मामले को आपस में सुलझाया जा सकता है। (भाषा)