भाजपा ने कश्मीरी पंडितों को बताया मुख्य पक्षकार
जम्मू। जम्मू-कश्मीर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने हुर्रियत कांफ्रेंस को अलग-थलग करने की कोशिश के तहत बुधवार को कश्मीर मसले पर अंदरुनी स्तर पर विस्थापित कश्मीरी पंडितों को मुख्य पक्षकार बताया।
भाजपा प्रवक्ता सुनील सेठी ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी बातचीत शिमला समझौते और संविधान के दायरे में होगी जिसमें किसी तीसरे पक्ष की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसमें हुर्रियत कांफ्रेंस को शामिल करने की पाकिस्तान की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जहां तक जम्मू-कश्मीर के अंदरुनी पक्षकारों का सवाल है तो घाटी से विस्थापित कश्मीर पंडित मुख्य प्रतिनिधि हैं। कश्मीरी पंडितों के अलावा लद्दाख, पश्चिमी पाकिस्तान के रिफ्यूजी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विस्थापित तथा डोडा से विस्थापित लोग भी पक्षकार हैं।
सेठी ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के इस बयान का स्वागत किया कि हुर्रियत कांफ्रेस को भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत में शामिल करने का कोई औचित्य नहीं है तथा उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर के उस कथित बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के साथ बातचीत में हुर्रियत कांफ्रेंस को शामिल करने की वकालत की है।
सेठी ने कहा कि यह अफसोसनाक है कि जिस कांग्रेस के कार्यकाल में शिमला समझौता हुआ उसी के लोग आज तीसरे पक्ष की बात कर रहे हैं। (वार्ता)