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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 20 अक्टूबर 2014 (22:14 IST)

भाजपा ने शिवसेना को असमंजस में बनाए रखा

भाजपा ने शिवसेना को असमंजस में बनाए रखा - BJP
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बिना शर्त बाहर से समर्थन देने की पेशकश की पृष्ठभूमि में लगता है भाजपा ने शिवसेना को असमंजस की स्थिति में रखते हुए महाराष्ट्र में सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय किया है। महाराष्ट्र में देवेन्द्र फड़नवीस और हरियाणा में मनोहरलाल खट्टर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बढ़िया प्रदर्शन करने वाली भाजपा की ओर से दोनों राज्यों में सरकार गठन की पहल को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस संदर्भ में पार्टी प्रमुख अमित शाह ने आगे की रणनीति के बारे में आज केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से विचार-विमर्श किया।
 
भाजपा को 288 सदस्‍यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 122 सीटें मिली हैं जबकि सरकार बनाने के लिए 145 सीट चाहिए। 90 सदस्‍यीय हरियाणा विधानसभा में 47 सीट प्राप्त करके वहां उसे अपने बूते सरकार बनाने का बहुमत मिल गया है।
 
महाराष्ट्र में बहुमत से 22 सीट पीछे रह गई भाजपा इस पसोपेश में है कि 25 साल पुरानी अपनी सहयोगी रह चुकी शिवसेना को पूरी तरह छोड़कर क्या एनसीपी की पेशकश के मद्देनजर सरकार बनाने की ओर आगे बढ़ा जाए या नहीं?
 
भाजपा में एक वर्ग का मानना है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए यह जरूरी नहीं है कि सरकार गठन से पहले वह बहुमत साबित करे। वैसे कहा जा रहा है कि भाजपा और शिवसेना के बीच पर्दे के पीछे से सुलह की चर्चा चल रही है लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है।
 
शरद पवार नीत राकांपा ने सरकार के गठन के लिए भाजपा को बाहर से समर्थन की पेशकश की है लेकिन भाजपा ने अब तक इस पर फैसला नहीं किया है। वहीं अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि पार्टी सरकार गठन के लिए अपनी पूर्व सहयोगी शिवसेना के साथ फिर से नाता जोड़ेगी या नहीं। रूडी ने कहा कि विधायकों को अपने नेता का चुनाव करने के लिए स्वतंत्रता दी जाएगी। विधायक दल जिसे भी नेता चुनेगा, केंद्रीय नेतृत्व उसके नाम पर अपनी मुहर लगाएगा।
 
भाजपा की प्रदेश कोर कमेटी की सदस्य पंकजा मुंडे द्वारा अपनी मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा खुलकर जाहिर करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह पार्टी के फैसले का पालन करेंगी और मैंने उनके विचारों से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा दिया है। इस बीच भाजपा के नवनियुक्त विधायकों ने प्रदेश पार्टी कार्यालय में अनौपचारिक मुलाकात की और जीत का जश्न मनाया। (भाषा)