बैंगलुरू से आया दिल, बची बच्चे की जान
दिमाग की बीमारी के चलते मृत घोषित किए जाने के बाद एक दूसरे बच्चे को हार्ट ट्रांसप्लांट करने के लिए जिस तेजी से काम किया गया वह आपको हैरत में डाल देगा।
चेन्नई में एक दो साल का बच्चा किसी दिल की बीमारी से पीड़ित था उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी ऐसे में उसके दिल की जगह दूसरा दिल लगाना ही एकमात्र उपाय था वरना उसका बच पाना लगभग नामुमकिन था। किस्मत से मदद की पुकार बैंगलोर में बैठे एक 2 साल के बच्चे के मां-बाप ने सुनी।
उनके बच्चे की मौत दिमाग की बीमारी के चलते हो गई थी। जब अस्पताल के स्टॉफ ने उनसे बातचीत की तो बच्चे के मां-बाप अपने बच्चे का ऑर्गन डोनेट करने के लिए तैयार हो गए।
मनिपाल अस्पताल के डॉक्टरों व फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने एक साथ मिलकर बच्चे के शरीर से ऑर्गन निकाले।बच्चे के आर्गन को हवाई मार्ग से भेजा गया।
इसी बीच बैंगलुरू और चेन्नई में बच्चे के ऑर्गन को जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए पुलिस ने रोड के दोनों तरफ हरे रंग के कॉरीडोर लगा दिए ताकि एंबुलेंस जल्द से जल्द अस्पताल में पहुंच सके और बच्चे के ट्रांसप्लांट को किया जा सके। ऑर्गन के चेन्नई अस्पताल में सही समय से पहुंच जाने के चलते बच्चे को बचा लिया गया।
जिस बच्चे के मां-बाप ने हार्ट डोनेट किया है वे बैंगलुरू की एक आईटी कंपनी में कार्यरत हैं। वहीं, उन्होंने अपने बच्चे के लीवर को भी एक बच्चे के लिए बैंगलोर में ही डोनेट कर दिया।