रामदेव का बना मजाक, पद्म पुरस्कार की दौड़ में नहीं था नाम!
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव भले ही सार्वजनिक रूप से पद्म पुरस्कार लेने से इंकार करने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनका नाम पद्म पुरस्कारों की सूची में शामिल ही नहीं था। गृह मंत्रालय को पद्म पुरस्कार नहीं लेने संबंधी पत्र लिखकर उन्होंने खुद का मजाक बना लिया।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार गृह मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि रामदेव ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लेटर लिखकर पद्म पुरस्कार लेने से मना कर दिया था जबकि सचाई यह है कि उनके नाम पर कभी विचार ही नहीं किया गया। हालांकि कुछ सुत्रों ने कहा कि रामदेव के नाम पर विचार हुआ था पर ईडी केस की वजह से उनका नाम सूची से कट गया था।
पद्म पुरस्कार के लिए बाबा रामदेव के इंकार करने संबंधी खबरों पर आश्चर्य जताते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनके नाम पर कभी विचार ही नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा कि पद्म पुरस्कार के नाम तय करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति की चार-पांच बैठकें हुईं, लेकिन बाबा रामदेव का नाम एक बार भी चर्चा में नहीं आया।
श्रीश्री रविशंकर को खुद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पद्म विभूषण के लिए फोन किया था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया। रविशंकर के इंकार करने के बाद उनका नाम सूची से हटा लिया गया।
मोदी सरकार ने इस बार केवल 104 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया है, जो 2005 के बाद सबसे कम है। पिछले दस सालों में यूपीए सरकार के दौरान हर साल 125 लोगों को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता रहा है।