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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 3 मार्च 2015 (23:05 IST)

'आप' के भीतरी कलह को केजरीवाल ने 'गंदी लड़ाई' करार दिया

'आप' के भीतरी कलह को केजरीवाल ने 'गंदी लड़ाई' करार दिया - Arvind Kejriwal on disputes in AAP
नई दिल्ली। आप की आंतरिक कलह आज और बढ़ गई तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे ‘गंदी लड़ाई’ करार दिया जबकि उनके खेमे ने शांति भूषण और प्रशांत भूषण जैसे वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाया कि वे पार्टी पर ‘‘शिकंजे जैसी पकड़’’ बनाना चाहते हैं।

केजरीवाल ने इस मुद्दे पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि पार्टी में जो कुछ चल रहा है उससे वह बहुत ‘‘आहत और दुखी’’ हैं क्योंकि इन सब चीजों से उस विश्वास से धोखा हुआ है जो दिल्ली के लोगों ने हम पर जताया है।
 
आप के संयोजक केजरीवाल ने कहा कि वह नहीं चाहते कि उन्हें इस ‘‘गंदी लड़ाई’’ में घसीटा जाए और वह अपना ध्यान दिल्ली के शासन पर केंद्रित करेंगे। वहीं दूसरी ओर केजरीवाल गुट ने भूषण परिवार के सदस्यों पर निशाना साधा।
 
आप की दिल्ली इकाई के प्रमुख सदस्य आशीष खेतान ने पार्टी संरक्षक शांति भूषण, उनके पुत्र प्रशांत एवं पुत्री शालिनी पर आरोप लगाया कि वे पार्टी की सभी इकाइयों पर नियंत्रण करना चाहते हैं।
 
खेतान ने ट्वीटर पर लिखा, ‘‘जो लोग एक व्यक्ति की पार्टी के बेतुके सिद्धांत की बात फैला रहे हैं वे आप को एक परिवार की पार्टी बनाना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शांति प्रशांत और शालिनी, पिता, पुत्र, पुत्री पार्टी की सभी इकाइयों पर शिकंजे जैसी मजबूत पकड़ बनाना चाहते हैं जिसमें पीएसी से नीति समिति से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी शामिल है।’’ 
 
आप के एक अन्य नेता एवं केजरीवाल के करीबी आशुतोष ने कहा कि भूषण का अपने मुद्दे मीडिया के सामने नहीं बल्कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उठाने चाहिए थे। वहीं संस्थापक सदस्य शांति भूषण ने कलह को शांत करने का प्रयास करते हुए प्रशांत और योगेंद्र यादव से कहा कि वे केजरीवाल का समर्थन करें।
 
उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘पार्टी के भीतर मतभेद ठीक नहीं हैं। प्रशांत और योगेंद्र यादव को अरविंद केजरीवाल का समर्थन करना चाहिए।’’ आप के भीतर तीखे मतभेद होने की बात सामने आई हैं क्योंकि ऐसे आरोप लगे हैं कि प्रशांत और यादव केजरीवाल को पार्टी संयोजक पद से हटाने का प्रयास कर रहे हैं।
 
आप ने पार्टी में आंतरिक मतभेदों पर हाल में हुए विवाद सहित सभी मुद्दों पर निर्णय करने के लिए कल अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। सूत्रों ने कहा कि कल राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भूषण और यादव को हटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।
 
सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल के कल की बैठक में हिस्सा लेने की संभावना नहीं है। सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल 10 दिन के लिए प्राकृतिक चिकित्सा कराने के लिए बेंगलुरु रवाना होंगे। उनका इलाज पांच मार्च को शुरू होगा। वाक्युद्ध के बीच यादव ने कहा कि प्रशांत के साथ ही उन्होंने हमेशा ही यह कहा है कि केजरीवाल को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए।
 
इन अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कि कल की बैठक में उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है, यादव ने कहा, ‘‘मैंने और प्रशांत ने हमेशा ही पीएसी छोड़ने की पेशकश की है जिससे कि क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले युवा आ सकें।’’ वहीं प्रशांत ने इससे इनकार किया कि वह पार्टी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।
 
प्रशांत भूषण ने कहा, ‘‘मैं पार्टी छोड़ने पर विचार नहीं कर रहा हूं। पार्टी में मेरी भूमिका यह प्रयास करना और यह सुनिश्चित करना है कि वह वित्तपोषण के सिद्धांतों और आदशरें का पालन कर रही है।’’ 
 
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमें हटाया जाता है कि तो इसका कोई महत्व नहीं रहेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस पल ही मुझे लगेगा कि पार्टी अन्य दलों की तरह ही आलाकमान संस्कृति के रास्ते पर चल रही है, पारदर्शिता नहीं है, मेरे पास पार्टी छोड़ने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं रहेगा।’’ इस बीच शांति भूषण पर निशाना साधते हुए आशुतोष ने मांग की कि पार्टी संरक्षक को केजरीवाल को यादव से बदलने का ‘‘षड्यंत्र’’ समझाना चाहिए।
 
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘शांति भूषण जी को यह भी बताना चाहिए कि अरविंद को योगेंद्र से बदलने का क्या षड्यंत्र था? क्या इससे पार्टी की छवि धूमिल नहीं हुई? शांति भूषणजी को यह समझाना चाहिए कि उन्होंने चुनाव के दौरान और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद यह क्यों कहा था कि अरविंद को योगेंद्र से बदला जाना चाहिए। यह अनुशासनहीनता है।’’ (भाषा)