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Last Modified: सोमवार, 9 अक्टूबर 2017 (07:51 IST)

अमित शाह के बेटे पर आरोप, विपक्ष ने की जांच की मांग

अमित शाह के बेटे पर आरोप, विपक्ष ने की जांच की मांग - amit Shah son allegation, Opposition demands inquiry
नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे की कंपनी के कारोबार में हुई बेतहाशा कथित वृद्धि से जुड़ी मीडिया में चल रही खबरों को लेकर जांच की मांग की है।
 
उधर, विपक्षी दलों के हमलावर रुख पर मजबूती से पार्टी और भाजपा प्रमुख के बेटे का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आरोपों को खारिज किया और जय अमित शाह का एक बयान जारी किया। भाजपा और शाह के बेटे जय अमित शाह ने इस खबर को ‘झूठी, अपमानजनक और मानहानिपूर्ण’ करार देते हुए आरोप को खारिज कर दिया।
 
खबर को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस, वाम दलों और आप ने जांच की मांग की। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इसे ‘घोर पूंजीवाद’ का मामला बताया। माकपा के सीताराम येचुरी ने दावा किया कि यह मोदी सरकार के दौरान भ्रष्टाचार का ताजा मामला है।
 
इससे पहले सिब्बल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘आज हम प्रधानमंत्री...प्रधान सेवक से सवाल पूछते हैं...अब आप घोर पूंजीवाद के बारे में क्या कहेंगे? क्या आप सीबीआई को मामले की जांच का निर्देश देंगे? क्या आप प्रवर्तन निदेशालय को इन लोगों को गिरफ्तार करने का आदेश देंगे।’
 
विपक्षी पार्टियों ने एक खबर के बाद ये मांग की। खबर में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के आंकड़े को उद्धत करते हुए कहा गया है कि जय अमित शाह के मालिकाना हक वाले टेंपल इंटरप्राइज की संपत्ति में वर्ष 2015-16 के दौरान 16,000 गुना और उससे पहले के साल से करीब 80 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ।
 
सिब्बल ने आरओसी फाइलिंग का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कुसुम फिनसर्व एलएलपी को मध्य प्रदेश में पवन ऊर्जा क्षेत्र में एक ठेका मिला जबकि यह कंपनी स्टॉक ट्रेडिंग का काम करती है। इस कंपनी का 60 प्रतिशत हिस्सा जय के पास है।
 
विपक्षी दलों के हमलावर रुख पर मजबूती से पार्टी और भाजपा प्रमुख के बेटे का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आरोपों को खारिज किया और जय अमित शाह का एक बयान जारी किया। इसमें अमित शाह के बेटे ने कहा है कि वह खबर चलाने वाली खबरिया वेबसाइट के लेखक, संपादक और मालिक पर 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा करेंगे।
 
भाजपा अध्यक्ष शाह के बेटे ने बयान में कहा है कि इस आलेख में उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए हैं। ऐसा करने के पीछे उनकी मंशा लोगों को यह बताने की है कि मेरे व्यवसाय को मेरे पिता अमित शाह के कारण ‘सफलता’ मिली है। जय अमित शाह ने कहा कि उनका कारोबार पूरी तरह कानूनसम्मत है और कर रिकार्ड और बैंकिंग लेनदेन में यह चीज नजर आती है।
 
सिब्बल ने साथ ही आरोप लगाया कि जय अमित शाह की एक कंपनी को पर्याप्त गारंटी नहीं होने पर भी एक सहकारी बैंक से 25 करोड़ रुपये का ऋण मिला। इसके अलावा कंपनी को भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) से भी 10.35 करोड़ रुपये का ऋण मिला। यह नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत काम करने वाली कंपनी है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय पहले गोयल के पास था। 
 
एक सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा, ‘मैं घोर पूंजीवाद की बात कर रहा हूं। हमें जब यह मालूम चलेगा कि ऋण को मंजूरी क्यों दी गयी थी तो अपराध सामने आएगा। हम जानते हैं कि सीबीआई और ईडी किनकी जांच करेंगी और किनकी नहीं करेंगी। मुद्दा यह है कि क्या प्रधानमंत्री इतने ईमानदार हैं कि यह कहें कि अमित शाह के बेटे की जांच की जाए।’ 
 
इसके बाद शाम को सिब्बल ने इस बात पर ताज्जुब प्रकट किया कि क्यों गोयल, जो कि एक केंद्रीय मंत्री हैं, को जय शाह का बचाव करना पड़ा। पूर्व कानून मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि ‘एक आधिकारिक पद पर रहते हुए उनको जय शाह का बचाव क्यों करना पड़ा। उनको सरकार का बचाव करना चाहिए था।’ 
 
उन्होंने जय शाह को ऋण देने वाले सहकारी बैंक का गोयल द्वारा बचाव किए जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बैंक को ऋण का बचाव करना चाहिए ना कि केंद्रीय मंत्री को।
 
मोदी पर हमला बोलते हुए येचुरी ने ट्वीट किया, ‘मोदी के शासन में भ्रष्टाचार के सिलसिले से जुड़ा नया मामला। बिरला-सहारा डायरी, जीएसपीसीएल, व्यापमं, ललित मोदी, चावल और खनन घोटाला। प्रधानमंत्री चुप क्यों है?’
 
येचुरी ने कहा, ‘जैन हवाला डायरी मामले के बाद लालकृष्ण आडवाणी और भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने इस्तीफा दे दिया था।’ उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार के अंतर्गत अब ऐसा होगा।
 
भाकपा नेता डी. राजा ने ‘अदालत की निगरानी में उच्च स्तरीय एसआईटी जांच’ की मांग की। आम आदमी पार्टी ने आरोपों की जांच की मांग की और कहा कि आपराधिक जांच शुरू होनी चाहिए। (भाषा)
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