अमित शाह और सोनिया गांधी को कारण बताओ नोटिस
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ 4 अन्य राजनीतिक दलों के प्रमुखों को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि आरटीआई कानून के तहत आयोग के आदेश का पालन नहीं करने के मामले में क्यों नहीं जांच शुरू की जाए।
पिछले साल आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल की याचिका पर सीआईसी ने 6 राष्ट्रीय दलों- कांग्रेस, भाजपा, राकांपा, भाकपा, माकपा और बसपा को सार्वजनिक प्राधिकार घोषित किया था और इस नाते इन्हें सूचना के अधिकार कानून के दायरे में लाया गया।
हालांकि इनमें से किसी भी दल ने न तो फैसले को अदालतों में चुनौती दी है और न ही आयोग के निर्देशों का पालन किया है।
आयोग ने गत 7 फरवरी और 25 मार्च को नोटिस भेजकर इन राजनीतिक दलों से अग्रवाल की इस शिकायत पर उनके विस्तृत स्पष्टीकरण मांगे थे कि उन्होंने सीआईसी के आदेशों का पालन नहीं किया है।
नोटिस के अनुसार कि इसलिए 4 सप्ताह में इस बारे में कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया जाता है कि आरटीआई कानून, 2005 की धारा 18 के तहत 3 जून, 2013 के आयोग के आदेश का पालन नहीं होने के मामले में जांच क्यों नहीं शुरू की जाए। इस बात को संज्ञान में लिया जाए कि अगर आप निर्दिष्ट समय में जवाब नहीं दे सके तो ऑन रिकॉर्ड उपलब्ध सामग्री के आधार पर मामले को कानून के मुताबिक आगे बढ़ाया जाएगा। (भाषा)