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Written By Author सुरेश एस डुग्गर

अमरनाथ का हिमलिंग पिघला है आस्था नहीं

अमरनाथ का हिमलिंग पिघला है आस्था नहीं - Amarnath yatra jammu Kashmir
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा का प्रतीक हिमलिंग पिघल चुका है पर भक्तों की आस्था नहीं पिघली है। इसी से स्पष्ट होता है कि हिमलिंग के पिघलने के बाद भी अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं का उत्साह चाहे कम हो गया हो पर वे निरंतर यात्रा में शामिल हो रहे हैं।
 
अब तक कुल 2.50 लाख श्रद्धालु यात्रा में शामिल हो चुके हैं और हिमलिंग पिघलने के बाद से 20 हजार श्रद्धालु यात्रा में शामिल हुए हैं। जबकि अभी तक 50 श्रद्धालुओं की मौत हुई है जो इतने कम दिनों में अमरनाथ यात्रा का सबसे बड़ा मौतों का रिकार्ड है।
 
17 जुलाई की शाम को करीब दो लाख भक्तों की सांसों की गर्मी से हिमलिंग पिघल गया था। यह पहली बार नहीं था कि अमरनाथ यात्रा का प्रतीक हिमलिंग इतनी जल्दी पिघला हो। पहले भी यह पिघल जाया करता था। कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि अमरनाथ यात्रा की शुरुआत से पहले ही हिमलिंग पिघल चुका होता था।
 
पर हिमलिंग का पिघलना यात्रा पर कोई ज्यादा असर नहीं छोड़ पाया है। यह इसी से स्पष्ट होता है हिमलिंग के पिघलने के बाद यात्रा में 20 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं। हालांकि यह सच्चाई है कि अब यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या लगातार कम होती जा रही है पर उसके लिए हिमलिंग के पिघलने को दोषी नहीं ठहराया जा सकता बल्कि कश्मीर के हालात इसके लिए दोषी ठहराए जा सकते हैं।
 
यह सच है कि अमरनाथ यात्रा समय से पहले ही सिमटनी शुरू हो गई है। श्रद्धालुओं में जोश तो है, लेकिन संख्या में भारी गिरावट आ गई है। यात्रा का एक महीना 28 जुलाई को होगा। इस बार यात्रा की अवधि 40 दिन की है। ऐसे में काफी पहले से ही श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आनी शुरू हो गई है। वर्ष 2014 के एक महीने में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिमलिंग के दर्शन कर लिए थे।
 
यात्रा के अंतिम दिन तक हिमलिंग था। इस बार बाबा पहले ही अंतर्धान हो गए हैं। यात्रा 2.50 लाख का आंकड़ा पार कर गई है। देशभर में बाढ़ और यात्रा पंजीकरण के लिए आवश्यक स्वास्थ्य प्रमाणपत्र का असर यात्रा पर पड़ा है। साधुओं की संख्या में इस बार काफी कमी देखी गई। औसतन पिछले वर्ष यहां पर दो सौ से लेकर तीन सौ साधु यात्रा पर जाते थे। इस बार यह संख्या औसतन एक सौ सिमटी रही।
 
इस बीच अमरनाथ गुफा में दर्शन के लिए चल रही तीर्थयात्रा के दौरान 50 तीर्थयात्रियों की चिकित्सा संबंधी कारणों, आतंकी हमलों तथा सड़क हादसों में मौत हो गई है। कश्मीर घाटी में यात्रा की निगरानी कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस साल यात्रा के दौरान विभिन्न कारणों से 50 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई। समाचार लिखे जाने तक 2.50 लाख तीर्थयात्री अमरनाथ में पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर चुके थे। 40 दिवसीय यात्रा 28 जून को शुरु हुई और 7 अगस्त को रक्षा बंधन तक चलेगी।
 
वर्ष 2012 में 6,21,145 श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की थी और इस दौरान 98 लोगों की स्वास्थ्य कारणों से मृत्यु हो गई। इसके अलावा 42 तीर्थयात्री सड़क दुर्घटनाओं और अन्य कारणों से जान गंवा बैठे। साल 2011 में 6,35,611 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ दर्शन किए थे और इस दौरान 106 यात्रियों की मौत हो गई। 
 
हालांकि इस साल मेडिकल संबंधी कारणों से मृतक संख्या कम रहने की संभावना है क्योंकि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने 13 साल से कम तथा 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और छह सप्ताह या उससे अधिक अवधि की गर्भवती महिलाओं के यात्रा में शामिल होने पर रोक लगाई है।