मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
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कश्मीर में हमलों ने बढ़ाई चिंता, सेना का ध्यान अमरनाथ यात्रा पर

कश्मीर में हमलों ने बढ़ाई चिंता, सेना का ध्यान अमरनाथ यात्रा पर - Amarnath Yatra, Indian Army, Terror Attack
जम्मू। चार घंटों में ताबड़तोड़ सात आतंकी हमलों ने अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ा दी है। यात्रा को फूल प्रूफ बनाने को सेना पूरी तरह से मैदान में उतर आई है। उसका सारा जोर दक्षिण कश्मीर में ही है, जहां अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले लाखों श्रद्धालु आएंगे और चिंता की बात यह है कि ताजा आतंकी हमलों और आतंकी गतिविधियों का गढ़ भी दक्षिण कश्मीर ही बना हुआ है।
 
रक्षा सूत्रों ने माना है कि 29 जून से आरंभ होने जा रही अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने हजारों सैनिकों ने दक्षिण कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में व्यापक तलाशी अभियान आरंभ किए हैं। इन अभियानों का लक्ष्य ‘तलाश करो और मार डालो’ ही है। अभी तक यही होता आया था कि सेना अमरनाथ यात्रा की शुरुआत से पहले आतंकियों को क्षेत्र से भगाने का अभियान छेड़ती थी, लेकिन अब रणनीति को बदल दिया गया है।
 
अगर रक्षाधिकारियों की मानें तो मंगलवार को 4 घंटे में हुए सात आतंकी हमले आतंकियों की उस हताशा का परिणाम था जो सेना के ‘तलाश करो और मार डालो’ अभियान से उनमें फैली है। खबरों के मुताबिक, अमरनाथ गुफा के रास्तों पर सेना के जवानों की तैनाती का कार्य विपरीत मौसम के बावजूद जारी है और सेना तैनाती से पूर्व क्षेत्र को आतंकियों से मुक्त कर लेना चाहती है। वैसे अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर सेना की तैनाती आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है। सेनाधिकारी कहते हैं कि उनके पास यात्रा के बाहरी इलाकों की सुरक्षा का भार है। पर सूत्रों के अनुसार, अन्य सुरक्षाबलों को इस बार खतरे को भांपते हुए सेना की कमान के तहत ही अमरनाथ यात्रा में कार्य करना होगा।
 
आधिकारिक तौर पर 35 हजार अर्धसैनिक बलों को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर तैनात किया गया है। इनमें सेना के जवानों की गिनती नहीं है और न ही राज्य पुलिस के जवानों की। सभी को अगर मिला लिया जाए तो अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर तैनात किए जाने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या एक लाख से अधिक होगी। इनकी तैनाती लखनपुर के प्रवेश द्वार से लेकर अमरनाथ गुफा तक के रास्तों पर होगी।
 
इतने जवानों की तैनाती के बाद भी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट की जाने लगी है, खासकर ताजा हमलों के बाद। दरअसल पाकिस्तान और आतंकी बौखलाए हुए हैं। एलओसी और सीमा पर घुसपैठ के प्रयासों को असफल किया जा रहा है और कश्मीर वादी में आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। ऐसे में आतंकियों पर उस पार से दबाव बना हुआ है।
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