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Written By Author सुरेश एस डुग्गर

अमरनाथ जाना है तो कर लें यह तैयारी...

अमरनाथ जाना है तो कर लें यह तैयारी... - Amarnath yatra

इस बार 11 दिन कम चलेगी यात्रा, 2 जुलाई से शुरू होगी


श्रीनगर। इस बार की अमरनाथ यात्रा में साढ़े सात लाख लोगों को न्योता दिया गया है। इस बार यह यात्रा 48 दिनों तक चलेगी जबकि पिछले साल यह 59 दिनों तक यह चली थी। इस बार 2 जुलाई को आरंभ होने वाली अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले का तंदुरुस्त होना जरूरी होगा। अर्थात बिना मेडिकल फिटनेस और मेडिकल सर्टिफिकेट के कोई भी इसमें शामिल नहीं होगा।
 
इस बार दोनों रास्तों पर यात्रियों की संख्या पर भी बंदिश लागू की गई है। पहलगाम और बालटाल मार्गों से 7500-7500 श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। इसमें हेलीकॉप्टर सेवा का इस्तेमाल करने वालों को शामिल नहीं किया गया है। वैसे इस बार अमरनाथ यात्रा 2 जुलाई से आरंभ होकर 18 अगस्त तक कुल 48 दिनों तक चलेगी।
 
याद रहे पिछले साल 2015 में अमरनाथ यात्रा दो जुलाई को पुरुषोत्तम पूर्णिमा को शुरू हुई थी। 59 दिन की यह यात्रा 29 अगस्त श्रावण पूर्णिमा तक चली थी। साल 2015 में 3 लाख 52 हजार 711 श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। इतना जरूर है कि अमरनाथ यात्रा में भी आ रही कमी से राज्यपाल एनएन वोहरा चिंतित जरूर हैं।
 
अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले कई श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण हर साल मौत के बढ़ते मामलों को देखते हुए यात्रा का प्रबंधन करने वाले श्राइन बोर्ड ने फैसला किया है कि अब से यात्रा के लिए पंजीकरण कराने के समय श्रद्धालुओं को चिकित्सा प्रमाणपत्र दिखाना होगा। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।
 
इस बैठक की अध्यक्षता राज्यपाल एनएन वोहरा ने की। बैठक में हृदयाघात से मरने वाले श्रद्धालुओं के संबंध में चर्चा की गई। प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड ने हृदय संबंधी समस्याओं के कारण मारे जाने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या पर चर्चा की। वर्ष 2009, 2010 और 2011 में क्रमशः 45, 68 और 107 लोगों की मौत हुई। इस स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने तय किया कि यात्रा के लिए पंजीकरण कराने के समय श्रद्धालुओं को किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।
 
प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने भी श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा से पूर्व चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने संबंधी सलाह दी थी। इस साल अमरनाथ यात्रा 48 दिनों की होगी। यह यात्रा 2 जुलाई से शुरू होकर 18 अगस्त को समाप्त होगी। 18 अगस्त को रक्षाबंधन भी है।
 
बोर्ड की बैठक में यह निर्देश दिया गया है कि यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण वक्त से हो जाए। इसलिए इसे इस बार 29 फरवरी को ही आरंभ कर दिया जाएगा। यात्रा पर जाने वाले सभी पंजीकृत श्रद्धालुओं का अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा निशुल्क किया जाएगा। यह फैसला श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में किया गया।
 
इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा 18 अगस्त को है। पिछले साल यह 29 अगस्त को पड़ी थी। बर्फबारी थमते ही सुरक्षाबलों व प्रशासन से सुरक्षा प्रबंध शुरू करने के लिए कहा जाएगा। वर्ष 2012 की यात्रा के दौरान 128 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी।
इस बार यात्रा पर जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं का पहले मेडिकल फिटनेस टेस्ट होगा और उसके बाद हर पंजीकृत श्रद्धालु का बोर्ड की ओर से निःशुल्क बीमा किया जाएगा। यात्रा कैंपों के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। बोर्ड ने यात्रा के दौरान लंगर की व्यवस्था को भी मंजूरी दे दी है।
 
इतना जरूर था कि इस बार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मद्देनजर यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या पर भी रोक लगाने की कवायद आरंभ हुई है जिसके तहत अब प्रतिदिन दोनों यात्रा मार्गों से कुल 15 हजार श्रद्धालुओं को ही आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। अर्थात इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए 7.50 लाख लोगों को न्यौता दिया गया है।