Last Updated : शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016 (15:43 IST)
अगस्ता वेस्टलैंड डील, मीडिया के लिए भी मिला था पैसा
अगस्ता वेस्टलैंड होल्डिंग्स लि. ने अपनी ग्रुप कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लि. और ग्राहक भारतीय वायुसेना के साथ हेलीकॉप्टर सौदा होने के बाद विभिन्न सेवाओं के लिए कुछ लोगों को उनकी फीस की राशि दिए जाने का भी सौदा किया था। कहा जा रहा है कि भारतीय मीडिया को मैनेज करने के लिए भी अच्छी खासी रकम उपलब्ध करवाई गई थी।
इस सौदे के अंतर्गत दोनों पक्षों की ओर से सौदे के सफल क्रियान्वयन के लिए कंपनी ने लंदन स्थित एक दलाल क्रिश्चयन मिशेल को 60 लाख यूरो (वर्तमान के हिसाब से करीब 45 करोड़ रुपए) राशि उपलब्ध कराई थी। कहा जा रहा है कि यह राशि सौदे के पक्ष में भारतीय मीडिया को नियंत्रित करने के लिए दी गई थी। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने भी लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा था कि भारतीय मीडिया को मैनेज करने के लिए कंपनी ने 50 करोड रुपए दिए थे। विदित हो कि समूचा सौदा 3 हजार 546 करोड़ रुपए का था।
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में मनु पब्बी की ओर से कहा गया है कि कंपनी की ओर से मिशेल को 330 करोड़ रुपए दिए गए हैं। कहा जाता है कि वह इस राशि के साथ ही गायब है। विदित हो कि दिसंबर, 2015 में भारत सरकार के अनुरोध पर इस कथित ब्रिटिश कारोबारी मिशेल के खिलाफ इंटरपोल ने एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
इतालवी अभियोजकों का कहना है कि मिशेल को लाखों डॉलर की राशि क्यों दी गई। उनका कहना था कि मिशेल और एक स्विस-इतालवी नागरिक गुइडो हश्के ने मिलकर भारतीय अधिकारियों को हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए राजी किया था। हालांकि इतालवी कोर्ट के फैसले में मिशेल का काफी जिक्र किया है, लेकिन अहम बात यह है कि इतालवी अधिकारियों ने भी उसे क्रॉस एक्जामिन करने की जरूरत नहीं समझी।
कोर्ट के फैसले में मिशेल पर एक पूरा अध्याय ही लिखा गया है। इतालवी कोर्ट ने इस सौदे में मिशेल को प्रमुख खिलाड़ी बताया गया है। मिलान कोर्ट में बताया गया है कि अगस्ता ने मिशेल की कंपनी ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई को 18 करोड़ 20 लाख यूरो की राशि उन चीजों की बिक्री के लिए दी थी जिसे कोर्ट में 'स्क्रैप' का नाम दिया है।
मिलान कोर्ट का कहना है कि मिशेल को विभिन्न सौदों के लिए चार करोड़ चालीस लाख यूरोप का भुगतान किया गया है। कोर्ट ने मिशेल को इतनी बड़ी राशि दिए जाने पर हैरत जताई है। इन सौदों में सौदे के बाद के कामों के लिए भी 60 लाख रुपए की राशि दी गई जबकि उसकी सेवाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। कोर्ट ने यह भी कहा है कि मिशेल की लंदन स्थित कंपनी पीडब्ल्यूसी लंदन के अगस्ता के 'पोस्ट कंट्रेक्ट अवार्ड सर्विस एग्रीमेंट' के तहत मिशेल को कुल 6 करोड़ 5 लाख यूरो की राशि दी गई थी, लेकिन उसकी सेवाओं को लेकर जानकारी अस्पष्ट है।
इस मामले ने सोनिया गांधी की नींद हराम कर दी है क्योंकि इतालवी कोर्ट की ओर से कहा गया है कि इस मामले में यूपीए और पूर्व आईएएफ प्रमुख एसपी त्यागी की भूमिका है। इस कारण से इस मामले में सोनिया गांधी का नाम भी जुड़ गया है। टाइम्स के मुताबिक फिनमैकेनिका को अभी तक ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया है, लेकिन इसके साथ आगामी सौदों पर रोक लगाई गई है।