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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 27 मार्च 2015 (00:30 IST)

'आप' में दरार बढ़ी, सुलह की बातचीत नाकाम

'आप' में दरार बढ़ी, सुलह की बातचीत नाकाम - aap party
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी में गुरुवार को रात दरार और गहरी हो गई जब अरविंद केजरीवाल के धड़े और विरोधी धड़े के बीच सुलह को लेकर चल रही बातचीत नाकाम हो गई। अब अटकलें हैं कि असंतुष्ट संस्थापक सदस्यों योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को शनिवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
भूषण और यादव ने खुले पत्र में केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उनका राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा सुनिश्चित करने के लिए ही बातचीत शुरू की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल उनके द्वारा उठाए गए किसी भी बड़े मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखा रहे।

केजरीवाल के करीबी नेताओं ने कहा कि बातचीत इसलिए नाकाम हो गई क्योंकि भूषण और यादव दिल्ली के मुख्यमंत्री को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पद से हटाने पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि दोनों विरोधी नेताओं से अब कोई बातचीत नहीं की जाएगी।

आप की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक के बाद केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले आशीष खेतान ने कहा कि भूषण और यादव से आगे कोई बातचीत नहीं होगी और सभी मुद्दों को शनिवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रखा जाएगा

खेतान ने कहा कि यादव और भूषण द्वारा पार्टी नेतृत्व को भेजे गए सभी पत्र राष्ट्रीय परिषद के सामने रखे जाएंगे जिसके बाद उनके भाग्य का फैसला होगा। अटकलें हैं कि बैठक में भूषण और यादव को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

भूषण और यादव ने एक पत्र में कहा कि उन्होंने इस्तीफा का प्रस्ताव दिया है, बशर्ते पार्टी ज्यादा पारदर्शिता सुनिश्चित करने की उनकी कई मांगों को स्वीकार करे। दोनों नेताओं ने आज रात कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा नहीं दिया है।

भूषण और यादव ने पत्र में कहा, धीरे-धीरे ऐसा समझ में आने लगा कि बातचीत का मकसद हमारे मुद्दों को सुलझाना नहीं था, बल्कि हमारा इस्तीफा हासिल करना था। आपकी ओर से बात कर रहे साथी घुमा-फिराकर एक ही आग्रह बार-बार कर रहे थे कि हम दोनों अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दें। हमें कारण यही बताया जाता था कि यह आपका व्यक्तिगत आग्रह है। 

उन्होंने कहा, हमें बताया गया कि जब तक हम दोनों राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हैं तब तक आप राष्ट्रीय संयोजक के पद पर काम नहीं कर सकते। यादव और भूषण ने पत्र में कहा कि उनसे कहा गया है कि अगर वे राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हिस्सा रहते हैं तो केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक रहने के इच्छुक नहीं हैं।

केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले पार्टी के नेता आशुतोष ने कहा कि बातचीत नाकाम हो गई क्योंकि भूषण और यादव केजरीवाल को राष्ट्रीय संयोजक पद से हटाने पर अड़े हुए हैं।

आशुतोष ने ट्वीट किया, पार्टी प्रशांत और योगेंद्र की सभी मांगों को स्वीकार करने की इच्छुक है, लेकिन अरविंद को हटाने की मांग पर नहीं। प्रशांत और योगेंद्र क्यों अरविंद को हटाने पर अड़े हुए हैं? मैं हैरान हूं।

पीएसी से हटाए जा चुके भूषण और यादव ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा, हमें बताया गया कि अगर हम राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हैं तो आप संयोजक पद पर नहीं रह सकते। यही बात आपने तब भी कही थी जब हमें पीएसी से निकालने का प्रस्ताव लाया गया था। (भाषा)