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Last Modified: शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015 (17:23 IST)

वोटर आईडी से जोड़ा जा रहा है ‘आधार’

वोटर आईडी से जोड़ा जा रहा है ‘आधार’ - AAdhar card, Voter ID
नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को बताया कि निर्वाचन आयोग मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को ‘आधार’ के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है ताकि मतदाता का दोहरे तरीके से विश्वसनीय सत्यापन सुनिश्चित हो और कथित फर्जी मतदाता की समस्या न हो।
राज्यसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन आयोग सतत प्रयास कर रहा है कि देश में मतदाता सूचियां त्रुटिमुक्त हों और मतदाताओं के सत्यापन में किसी तरह की खामी न हो।
 
गौड़ा ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि निर्वाचन आयोग मतदाता पहचान पत्र को ‘आधार’ के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है ताकि मतदाता का दोहरे तरीके से विश्वसनीय सत्यापन सुनिश्चित हो सके और कथित फर्जी मतदाता की समस्या न हो।
 
उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग ने सूचित किया है कि मतदाता सूची में शायद ही ऐसा कोई कल्पित या छद्म नाम होगा, जो उसके द्वारा तैयार किया गया होगा। लेकिन दोहरी या बहुसंख्या प्रविष्टि के नामों के मतदाता सूची में कई मामले हैं। इसका कारण यह हो सकता है कि कई मतदाताओं ने मतदाता सूची में खुद के पूर्व में कराए गए पंजीकरण को बताए बिना नए निवास स्थान पर फिर से अपना पंजीकरण करा लिया।
 
कानून मंत्री ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि इस समस्या के हल के लिए आयोग ने मतदाता सूची की जांच के उद्देश्य से बूथ स्तर पर अधिकारियों को नियुक्त किया है, जो मृत या स्थान बदलने वाले मतदाताओं के बारे में घर-घर जाकर सत्यापन करें और सूचना एकत्र करें ताकि अपात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकें।
 
उन्होंने बताया कि प्रारूप मतदाता सूची को ग्रामसभाओं, आवासीय कल्याण संगमों में प्रकाशित किया जाता है और निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर डाला जाता है। इसके अलावा निर्वाचन आयोग ने बूथ स्तर के साथ मतदाता सूची में नामों की सत्यता की जांच करने के लिए मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए बूथ स्तर पर एजेंटों को नियुक्त करने का अनुरोध किया है।
 
सदानंद गौड़ा ने कहा कि निर्वाचन आयोग विशेष रूप से ‘डी..डुप्लीकेशन सॉफ्टवेयर’ का उपयोग कर रहा है ताकि मतदाता की पुन:प्रविष्टि की पहचान की जा सके।
 
इसके अलावा आयोग ने सूचित किया है कि राष्ट्रीय निर्वाचन डाटाबेस रखने का प्रयास किया जा रहा है ताकि मतदाताओं के दोहरे या एक से अधिक पंजीकरण की पहचान की जा सके और उसे हटाया जा सके। (भाषा)