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शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2014 (17:19 IST)
84 दंगा पीड़ितों के रिश्तेदारों को मुआवजा देने पर आलोचना
न्यूयॉर्क। भारत सरकार द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के रिश्तेदारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने के फैसले का एक सिख अधिकार समूह ने विरोध किया है। समूह का कहना है कि मुआवजा मुजरिमों के खिलाफ मुकदमा चलाने की जगह नहीं ले सकता है।
गौरतलब है कि सरकार ने फैसला किया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों के 3,325 पीड़ितों के रिश्तेदारों को 5-5 लाख रुपए दिए जाएंगे।
‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) समूह ने कहा कि मुआवजा 1984 के नरसंहार के मुजरिमों के खिलाफ मुकदमा चलाने की जगह नहीं ले सकता है।
समूह ने कहा कि उत्तरी अमेरिका में रहने वाले सिख और 1984 के सिख विरोधी दंगों के प्रभावित लोग इन दंगों की 30वीं बरसी पर 7 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर इकट्ठा होंगे।
एसएफजे ने कहा कि समूह संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को एक रिपोर्ट भी देगा जिसमें 1984 में दंगों के दौरान हत्याओं और मानवाधिकारों के हनन के बारे में विस्तृत जानकारी होगी। (भाषा)