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Written By WD

प्रेरक आलेख : शब्दों की माला

प्रेरक आलेख : शब्दों की माला - Way To Talk
पुष्पा परजिया 
 
शब्दों की माला। बड़ा अजीब लगा होगा न आपको यह सुनकर, कि‍ कहीं शब्दों की माला भी होती होगी क्या ? क्योंकि माला तो फूलों से बनती है। किंतु जी हां, मैं  शब्दों की माला की ही बात कर रही हूं दोस्तों। यह शब्दों की माला ही आपके व्यक्तित्व का सही आईना है, क्योंकि यह माला ही आपकी मानसिक स्थिति को, आपके हृदय के भावों को जताती है और आपके स्वभाव को बताती है।
 
शब्दों के द्वारा ही इंसान अपने मन के भावों को दूसरे इंसान तक पहुंचाता है। जब शब्द व्यक्ति के मुंह से निकलते हैं, तब सामने वाला व्यक्ति आपके मनोभावों को पहचान पाता है, आपके स्वाभाव को जान पाता है। इंसानी स्वभाव का पहला पता आपके बोले गए शब्द बताते हैं।

जब आपके द्वारा बोले गए शब्द शालीनता से भरे होंगे, सुव्यवस्थित होंगे, तो सामने वाले इंसान को तुरंत अंदाजा लग जाएगा कि‍ आपकी प्रकृति कैसी है, आपका स्वभाव कैसा है ? आप मजाकिया स्वभाव के हैं या बेहद धीर-गंभीर किस्म के। चुहलबाजी करने वाले हैं या खुद को ही दुनिया का सबसे महान इंसान समझने वाले।

कुल मिलाकर आपके कहे गए शब्द अपने आप में बहुत मायने रखते हैं। इसलिए जब भी कुछ कहें, बोलें, सोच समझकर बोलें...। ऐसा न हो की आपके शब्द किसी को आहत कर जाएं या फिर आप  किसी की नजरों से बिना वजह, सिर्फ गलत शब्द के प्रयोग की वजह से गिर जाएं।

यदि आपके शब्दों में दूसरों के लिए आदर, सम्मान और प्रेम होगा, तो लोग खुद ब खुद आपके शब्दों को सुनने के लिए उतावले होंगे। किंतु यदि आपके शब्दों में किसी को अपमानित करने की भावना होगी या फिर कटुता होगी तो सब आपसे दूर भागेंगे। मीठे शब्द, मीठी बोली, जिनमें अपनापन हो, प्रेम हो, निस्वार्थता हो उसे कौन नहीं सुनना चाहेगा ? 

 
जिस प्रकार सुगंधि‍त फूलों की माला सभी को प्रिय होती है, वैसे ही सुंदर, सुसंस्कारित शब्द भी सबको प्रिय होते हैं। जैसे सुगंधि‍त फूलों की माला के सूख जाने पर भी उसकी सुगंध याद रहती है, वैसे ही आपके द्वारा बोले गए सुवासित शब्द लोगों के मानस पटल पर सदैव छाए रहते हैं। मीठा बोलने वाला इंसान भले ही दुनिया से चला जाए, पर उसके बोले शब्दों से दुनिया उसे याद करती है।
 
कई बार ऐसा होता है कि‍, न चाहते हुए भी कभी हंसी-मजाक में तो कभी व्यस्तता की वजह से हम किसी को बगैर सोचे कुछ भी कह देते हैं और आपके कहे गए शब्द लोगों के मन को दुख पहुंचा जाते हैं। कई बार यह शब्द रिश्तों में दरार डालकर अच्छे से अच्छे संबंध को तोड़ डालते हैं। वहीं कई बार दुख के समय में बोले गए दो मीठे शब्द, इंसान को जिंदगी भी दे जाते हैं। शायद इसलिए दुख के समय में ढांढस बंधाना हमारी परंपरा रही है।

आप चाहे कितने ही बड़े विद्वान हों। आपमें दुनिया भर का ज्ञान क्यों न हो। किंतु  यदि आपके शब्द सही समय पर सही ढंग से न बोले गए तो आपकी  बुद्ध‍िमत्ता, विद्या और होशियारी का कोई अर्थ नहीं रह जाता।


ऐसा इंसान कहीं भी अपना उच्च स्थान नहीं बना पाता। भले ही उसका मन कितना ही साफ क्यों न हो ..। इसलिए ही हमारे पूर्वज कह गए हैं - "ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय औरन को शीतल करे, आपही शीतल होय "।
 
सुंदर मन के सुंदर विचार होते हैं। बस जरुरत है, तो उसे सुंदर शब्दों में ढालने की। एक बार शब्दों की सुंदर माला बनाइए, फिर देखिए, आपका जीवन भी महक उठेगा। बस सुंदर शब्दों की माला को सुगंधि‍त बनाने की जरुरत है।