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Written By Author डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

करियर में सोशल मीडिया का उपयोग

करियर में सोशल मीडिया का उपयोग - Social media, careers, journalism
#माय हैशटैग
 
दीपावली की शुभकामनाएं
आज कुछ बातें जो शुभ-लाभ की। सोशल मीडिया का उपयोग अपने करियर को आसान और लाभप्रद बनाने की। 
मैं उस टीवी एंकर को 7-8 साल से जानता हूं। पहले वह एक रीजनल न्यूज चैनल में समाचार प्रस्तुत करती थीं। खबरों के प्रति उसकी रुचि और समझ उल्लेखनीय लगी। अपने कार्यक्रम को प्रस्तुत करने के दौरान वह अपनी प्रतिभा का 100 प्रतिशत निचोड़ उसमें डालना नहीं भूलती। पत्रकारिता की डिग्री भी उसने हासिल कर ली थी और अपने प्रोफेशन के प्रति पूरी तरह समर्पित भाव से कार्य करती। अपनी प्रतिभा के अलावा वह अपने निजी व्यक्तित्व पर भी पूरा ध्यान देती और इसके लिए सदा सक्रिय रहती। 
कुछ अरसा पहले उसका चयन एक राष्ट्रीय समाचार चैनल में हो गया। जैसा कि राष्ट्रीय समाचार चैनलों की परंपरा है, वे नए एंकर को एकदम प्राइम टाइम में मौका नहीं देते। इसकी शुरुआत कम लोकप्रिय टाइमस्लाट से होती है। राष्ट्रीय चैनलों में न्यूज रूम की अपनी राजनीति भी होती है। वहां एंकर को सपोर्ट करने वालों के अलावा ऐसे लोग भी होते है, जो उनकी टांग खींचने में लगे रहते है। ऐसे लोग भी होते है, जो केवल अपने नंबर बढ़वाने के लिए अपने सहकर्मियों को पीछे धकेलने में संकोच नहीं करते। 
 
छोटे शहर की वह एंकर जब देश की राजधानी पहुंची, तब भी उसने अपने बहुत से तौर-तरीके नहीं बदले। मसलन वह सोशल मीडिया पर उसी तरह सक्रिय रही, जैसी कभी विद्यार्थी जीवन में और उसके बाद क्षेत्रीय चैनल में रहती थी। राष्ट्रीय चैनल की एंकर होने के नाते चैनल के वरिष्ठ लोगों को अपेक्षा थी कि वह अपनी छवि पर ध्यान दे। राष्ट्रीय चैनलों में एंकर की निजी छवि का भी अपना महत्व होता है। कई चैनल ऐसे है, जिन्हें लोग उनके एंकर के कारण ही देखना पसंद करते हैं।
 
कई महीने बीतने के बाद भी छोटे शहर की उस एंकर को अपेक्षित बुलेटिन नहीं मिल पाए। न्यूज रूम में उसके साथी भी उसे उतनी गंभीरता से नहीं लेते। कारण यह रहा कि वह सोशल मीडिया पर अपनी हर गतिविधि दिन में कई-कई बार पोस्ट करती थी। उसने कहीं मसाला डोसा खाया, तो उसे भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया और अप्पू घर देखने गई, तो उसे भी। मसाला डोसा खाना या अप्पू घर जाना किसी का भी निजी मामला है। हरेक की पसंद अलग-अलग है। उसकी पसंद भी अपनी जगह सही थी, लेकिन इस तरह की पोस्ट से उसकी छवि एक गंभीर एंकर की नहीं बन पाई। उसे अपनी छवि एक गंभीर एंकर की बनानी थी, लेकिन सोशल मीडिया पर वह सेल्फी क्वीन हो गई। उसका सेल्फी क्वीन होना उसके कुछ पुराने दोस्तों को बहुत अच्छा लगता। वह भी उसी में रम गई। इस तरह महीने दर महीने बीतते गए और वह अपनी किसी राष्ट्रीय न्यूज चैनल की प्रमुख एंकर की छवि नहीं बना पाई। लोग उसे पुरानी किसी ट्रेनी एंकर की तरह ही ट्रीट करते रहे। 
 
उसी की तरह एक और सहकर्मी एंकर ने सोशल मीडिया का उपयोग अपनी इमेज को आगे बढ़ाने के लिए किया। वह लगातार अपनी पोस्ट पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषय के समसामयिक मुद्दों को उठाता रहा। जिन महत्वपूर्ण समाचार कार्यक्रमों में उसे एंकरिंग का मौका नहीं मिला, वहां भी उसने सोशल मीडिया पर उस विषय के बारे में अपनी समझ प्रदर्शित करने वाले पोस्ट शेयर किए। स्टुडियो आने वाले लगभग सभी प्रमुख लोगों से वह मिलता और राष्ट्रीय मुद्दों पर कोई न कोई सवाल अवश्य पूछता। फिर उस सवाल को वह सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देता। 
 
देखते-देखते हुआ यह कि एक ही चैनल में एक साथ काम शुरू करने वाले दो एंकरों की छवि अलग-अलग बन गई। एक की छवि गंभीर और बुद्धिमान एंकर की थी, तो दूसरे की अगंभीर और औसत एंकर की। अब यह होने लगा कि जब भी कोई महत्वपूर्ण घटनाक्रम होता और कोई वरिष्ठ एंकर स्टुडियो में नहीं होता, तब उस एंकर को मौका मिलने लगा, जिसने अपनी छवि सोशल मीडिया पर चमका रखी थी, जिसे बुद्धिमान और गंभीर एंकर माना जाता था। हरेक एंकर को यह बात समझनी चाहिए कि वह अपनी अलग छवि बनाने के चक्कर में सोशल मीडिया पर गैरजरूरी पोस्ट तो शेयर नहीं कर रहा। आजकल अधिकांश न्यूज चैनलों में एंकरों के सोशल मीडिया पर पोस्ट को गंभीरता से लिया जाता है। आगे वे ही एंकर जा पाते है, जो अपने आप को अपनी चैनल की छवि से एकाकार कर लेते हैं। 
 
यह कोई अकेला उदाहरण नहीं है, जिसमें किसी व्यक्ति ने सोशल मीडिया का उपयोग अपने करियर को आगे ले जाने के लिए किया। सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट लिखने के पहले इस बात का ध्यान रखें कि आप जो करने जा रहे है, वह आपके करियर के मार्ग में स्पीड ब्रेकर तो नहीं बनेगा। कई करियर ऐसे है, जहां आपकी सार्वजनिक छवि बहुत मायने रखती है। अगर आप किसी बैंक या कंपनी में कशियर है, तो आप किसी भी तरह के पोस्ट सोशल मीडिया पर डाले, उससे आपका करियर प्रभावित नहीं होगा, लेकिन अगर आप ऐसे पेशे में है, जहां आपकी छवि आपकी कंपनी की छवि से मिलती-जुलती होनी चाहिए, तब सावधानी अपेक्षित है। 
 
फैशन इंडस्ट्री में भी ऐसे बहुत से लोग है, जो फैशन के बहुत जानकार नहीं है, लेकिन वे सोशल मीडिया का उपयोग इतनी चतुराई से करते है कि लोग उन्हें फैशन की दुनिया का सितारा मान बैठते हैं। इस बात से बहुत से लोग इत्तफाक रखेंगे कि फैशन की दुनिया में बुद्धिमता का बहुत योगदान होता है। एक छोटी सी चूक भी आपको उपहास का पात्र बना सकती है। बॉलीवुड के ऐसे बहुत से लोग है, जो सोशल मीडिया पर आकर अपनी पोस्ट से यह साबित कर चुके है कि वे केवल कलाकार ही नहीं, बल्कि बुद्धिजीवी भी है। बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, प्रियंका चोपड़ा आदि की छवि अच्छे कलाकार के साथ ही बुद्धिमान व्यक्ति की भी है। इसके विपरीत ऐसे लोग भी है, जो बुद्धिमान माने जाते रहे है, लेकिन सोशल मीडिया पर आकर उन्होंने अपनी कमअक्ली का परिचय दे दिया है। अब यह आप पर है कि आप सोशल मीडिया का उपयोग किस तरह करते हैं।
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