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रवैया बदलें, जिंदगी अपने आप बदल जाएगी

रवैया बदलें, जिंदगी अपने आप बदल जाएगी - Positive life, chant, guru mantra, stressful life
-डॉ. हरीश कुमार 
 
आजकल के भाग-दौड़ वाले समय में लोग बहुत तनाव भरी जिंदगी जी रहे हैं और हर काम उनके लिए एक चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। बहुत से मित्र शिकायत करते हैं कि आजकल सब कुछ गड़बड़ है, सिस्टम खराब है, कोई किसी काम की प्रशंसा नहीं करना चाहता। कई के पास समय को लेकर हमेशा दिक्कत बनी रहती है। वो अपने सुख-चैन, मौज-मस्ती या बच्चों की सही देखभाल करने के लिए सही समय कब निकालें, ये एक बड़ा प्रश्न है जिसका उत्तर वो नहीं खोज पा रहे।
वास्तव में इन सारी समस्याओं में हमें उन लोगों पर ध्यान देने की जरूरत है जो इस व्यस्त समय में भी कभी अपने आपको लेकर शिकायत नहीं करते, वे हमेशा अपने सारे काम सही समय पर करते हैं और हमेशा मुस्कुराते हुए जिंदगी का आनंद उठाते हैं। फेसबुक या दूसरी सोशल साइट्स पर वे अपने मित्रों के साथ-साथ अपने आनंद और मौज की तस्वीरें भी शेयर करते हैं। अब देखने वाली बात यह है कि एक जैसे कार्यक्षेत्र और परिस्थिति में रहते हुए लोगों की जीवनशैली में इतना बदलाव क्यों दिख रहा है?
 
बचपन में पढ़ी प्यासे कौए की कहानी जो देखने में एक बाल कहानी है और बहुत छोटी है, उसमें एक बड़ा अर्थ छुपा हुआ है। थोड़े से कंकर डालने से पानी ऊपर आ गया, ऐसा नहीं था। आप खुद प्रयोग करके देखें कि चोंच में उठाए जाने वाले छोटे-छोटे कंकर घड़े के पानी को ऊपर लाने के लिए कितनी तादाद में चाहिए होंगे। आप हैरान होंगे कि कौए की कहानी का जो सार है- जहां चाह, वहां राह। वास्तव में उसकी मेहनत सकारात्मक सोच और सही रवैए को भी दर्शाती है।
 
इतनी भीषण परिस्थिति में भी उसकी चाहत को बल देने वाली ताकत उसकी सहजता और रवैए में छुपी है जिसके प्रोत्साहन से वो न केवल पानी का स्तर ऊपर लाने की तरकीब निकलता है बल्कि उसके स्टार को अपनी कड़ी मेहनत के साथ ऊपर ले आता है। हम सब भी उस प्यासे कौए जैसे ही हैं। सफलता आसानी से नहीं मिलती, उसे पाने के लिए आसन तरीकों पर सकारात्मक रवैए से काम करना पड़ता है।
 
सफल लोगों और असफलता से निराश हो जाने वाले लोगों में बहुत बारीक अंतर होता है। मेरे ख्याल से समय प्रबंधन, चीजों को देखने का रवैया या अपने आपको बदलने का प्रयास इस अंतर का बड़ा कारण है। 
 
हम करना क्या चाहते हैं, क्या प्राप्त करना चाहते हैं और काम को करते समय या जिंदगी जीते समय हम क्या बन रहे हैं। इन बातों पर नए सिरे से सोचने-विचारने की जरूरत है। 
 
शायद जिंदगी की समस्याओं के लिए बाहरी कारण इतने जिम्मेवार नहीं जितना कि हमारा उन को लेकर रवैया। रवैया ही जिंदगी बनाता है। इसलिए लोगों से बात करते समय, काम करते समय और जीवन की सारी योजनाओं या सपनों को कर हमारा रवैया क्या है, पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। हमें सफल लोगों का अनुकरण करना जरूरी है। इससे जुड़े कुछ प्रश्न आपके सामने हैं-
 
आप जिसके जैसा बनना चाहते हैं क्या आप उसकी लाइफ स्टाइल पर ध्यान दे रहे हैं?
क्या आप लोगो से मिलते समय मुस्कुराते हैं?
क्या आप उनकी मदद करने और उनसे मदद मांगने में हिचकिचाते तो नहीं हैं?
क्या आप लोगों की प्रशंसा करते हैं?
क्या आप अपनी प्रशंसा करते हैं?
क्या आप लोगों में खामियां निकालने से ज्यादा उनकी अच्छाइयों के लिए उनकी सराहना करते हैं?
क्या आप लोगों का धन्यवाद करने में हमेशा तैयार रहते हैं?
 
उपरोक्त सभी प्रश्न आजकल की एकाकी और मुकाबले की दुनिया में बड़े महत्वपूर्ण हैं। हमें सकारात्मक होकर और अपने नकारात्मक रवैए को त्यागकर अपने व्यक्तित्व की एक नई परिभाषा बनानी होगी। आप किसी भी कार्यक्षेत्र में हों, किसी भी पद पर हों, सकारात्मकता, प्रोत्साहन, समय प्रबंधन और लोगों से प्रेमपूर्ण व्यवहार आपके जीवन को खुशहाल बनाने का सबसे सरल तरीका है। सभी सफल लोगों की ओर देखिए, उनके पास अपनी बात को सकारात्मक ढंग से प्रेषित करने और लोगों के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करने का जो रवैया है, वो उनकी सबसे बड़ी शक्ति है।
 
आपने हमेशा देखा होगा कस्टमर केयर वालों को फोन पर या व्यक्तिगत तौर पर आपसे मिलकर बात करते हुए। वे जिस प्रेमपूर्ण और सकारात्मक रवैए से अपने काम को पेश करते हैं और आपकी बात सुनते हैं और आप कितना भी आक्रामक या नकारात्मक रवैया अपनाएं, वे अपना रवैया नहीं बदलते और आपको आदरपूर्ण ढंग से लेते हैं, वो बड़ा प्रशंसनीय होता है। 
 
हमें लगता है कि घर समाज या कार्यक्षेत्र में हमारा रवैया भी उनके जैसा हो तो हमारे साथ-साथ पूरे समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन हो सकता है। हम अपने तनाव पर काबू पा सकते हैं, हम कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं और परिवार तथा कार्यक्षेत्र में स्वस्थ वातावरण का संचार कर सकते हैं। 
 
रवैए को बदलने की यात्रा हमें स्वयं से शुरू करनी होगी, हो सकता है आपको शुरू में कुछ कठिनाइयां आए, नकारात्मक लोग आपकी सहजता को परखे पर आपका आत्मविश्वास जितना मजबूत होगा, अपने आप को बदलने का निश्चय जितना पक्का होगा आप उतना ही अपने वर्तमान और भविष्य को खुशहाल बनाने में सफल होंगे। मैं यह कर सकता हूं, मुझे खुश रहना है, मुझे सफल होना है और लोकप्रिय होना है, का भाव या विचार आपके आत्मविश्वास और रवैए को और भी सकारात्मक बनाएगा और आप मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर अपने आपको बेहतर बना पाएंगे।
 
स्वयं पर विशवास रखिए और अपने आप को प्रकट करने के बेहतर तरीके अपनाइए। आलोचना से कहीं अधिक जरूरी है लोगों को प्रोत्साहित करना और उनके साथ मिलकर चीजों को सुधारने का रवैया रखना।
 
अपने दुःख और सुख में लोगों को शामिल कीजिए, दूसरों की प्रशंसा कीजिए, मदद करने के लिए तैयार रहिए और एक दूसरे मुस्कराकर मिलते रहिए, नकारात्मक तत्वों से दूर रहने का प्रयास कीजिए, ईश्वर का धन्यवाद कीजिए, आप जो चाहते हैं आपको अवश्य मिलेगा।
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