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Written By WD

डिजिटल इंडिया से आपके दस्तावेज खतरे में!

डिजिटल इंडिया से आपके दस्तावेज खतरे में! - digital India and your documents
राकेश कुमार 
 
केंद्र में मोदी सरकार की मेक इन इंडिया के बाद एक और महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया बुधवार को शुरु हो गई। इस योजना को शुरु करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसके तहत देश के हरेक व्यक्ति को इंटरनेट से जोड़ना और उन्हें देश के नए रूप यानी डिजिटल इंडिया में शामिल करना है जिसके तहत् हर व्यक्ति घर बैठे या आसानी से अपने दस्तावेजों का आदान-प्रदान कर सकता है। 
 
इस योजना के तहत उनके सभी तरह के दस्तावेज एक सुरक्षित लॉकर में रहेंगे, जिसे वह अपने आधार नंबर और डिजिटल हस्ताक्षर की मदद से कभी भी और कहीं भी प्रयोग कर सकते हैं। सरकार के अनुसार यह योजना देश के लिए काफी लाभदायक होगी। 
 
डिजिटल इंडिया के शुरुआत करते हुए मोदी ने यह भी स्वीकार किया कि इसमें बहुत सारी खामियां भी हैं। वाकई इस योजना में कई तरह की खामियां हैं जिसमें सरकार तो आपके लॉकर की सुरक्षा की बात तो कर रही है, मगर सुरक्षा को लेकर उनके पास कोई भी महत्वपूर्ण योजना या प्रस्ताव नहीं है। जिस तरह से आपके पेपर दस्तावेज चोरी हो जाने का डर रहता है, उसी प्रकार इस लॉकर के हैक होकर उसके गलत प्रयोग हो जाने का डर भारतीय सुरक्षा अधिकारियों एवं विशेषज्ञों को है। 
 
वर्ष 2012 में विश्व की सबसे बड़ी सर्च इंजन गूगल को लेकर एक रिपोर्ट आई थी कि गूगल अपने उपभोक्ताओं के दस्तावेज अन्य देशों को बेच रहा है जिसके जवाब में गूगल ने कहा था कि उसको यह अधिकार है कि वह अपने उपभोक्ताओं के दस्तावेजों के साथ क्या करता है और क्या नहीं, इसके लिए उसे किसी से आज्ञा लेने की कोई जरुरत नहीं हैं। तो अब चिंता इस बात कि है कि डिजिटल इंडिया को लेकर किस तरह का डर है?
 
सता रहा है डर 
डिजिटल इंडिया के प्रस्ताव में कहा गया है कि आप अपने सभी दस्तावेज एक सुरक्षित लॉकर में रख सकते हैं जिसकी चाबी आपके हाथों में होगी, यानी वह आपके डिजिटल हस्ताक्षर व आधार नंबर से ही खुलेंगे। इससे अन्य देशों के हैकरों को आपके दस्तावेजों को हैक करने में आसानी होगी। जिस प्रकार आप अपना रिज्यूमे जॉब सर्च करने वाली बेबसाईट पर डालते हैं और वह वेबसाईट आपके रिज्यूमे को अन्य कंपनियों को बेच देते हैं। उसी तरह हैकर भी आपके देस्तावेजों को बेचते हैं। आप कभी-कभी देखते हैं कि आपका कम्प्यूटर हैक हो जाता है, क्रेस या हैंग हो जाता है, आपका इंटरनेट एकांउट हैक हो जाता है और आपके सभी दस्तावेज या तो चुरा लिए जाते हैं या स्वत: डिलिट हो जाते हैं और यह सब केवल आपके कमजोर पासवर्ड, सभी लोगों के साथ शेयरिंग तथा कमजोर एंटी वायरस की वजह से होता है। 
 
कैसे होता है यह सब 
वैसे भी भारत की इंटरनेट सुरक्षा प्रणाली बहुत ही कमजोर है और साथ ही अन्य देशों के इंटरनेट रफ्तार से भारत की इंटरनेट रफ्तार एक गिगाबाईट कम है, जिसके कारण हैकरों को भारत की सर्वर में सेंध लगाने का अवसर मिल जाता है। हैकर आपके कम्प्यूटर के आईपी को इंटरनेट नेटवर्क के माध्यम से हैक कर उसे अपने सर्वर से कनेक्ट करते हैं और एक कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग सीप्लसप्लस(C++) के जरिए एक कोड की मदद से आपके सभी तरह के दस्तावेज व महत्वपूर्ण फाईल निकाल कर अन्य देशों को बेच देते हैं जिसका अन्य देश गलत प्रयोग करते हैं। 
 
क्या करें और क्या ना करें 
डिजिटल इंडिया में अपने दस्तावेजों को रखने से पूर्व अपने कम्प्यूटर की सुरक्षा प्रणाली पुरी तरह से जांच लें, अपने दस्तावेजों को एक जगह एकत्र ना कर तीन जगहों पर रखें, जिसमें आपका स्वयं का कम्प्यूटर, सीडी और इंटरनेट पर। अपने दस्तावेजों को हरेक व्यक्तियों से शेयर ना करें, अपने कंप्यूटर का पासवर्ड ऐसा रखें कि कोई भी आसानी से समझ ना सके तथा अनजाने व्यक्तियों द्वारा भेजे गए मेल अथवा दस्तावेजों को खोलने के बजाय उसे तुरंत डिलिट करें। इस तरह आप काफी हद तक खुद भी सुरक्षित रह सकते हैं और अपने दस्तावेजों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।