शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
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फेसबुक पर नजर आ जाता है डिप्रेशन

फेसबुक पर नजर आ जाता है डिप्रेशन - Depression, Social Media, Facebook
# माय हैशटैग
 
पिछले दिनों फेसबुक पर किशोर उम्र की एक लड़की की पोस्ट वायरल हो गई। उस पोस्ट में किशोरी ने लिखा था कि मैंने आज चार हफ्ते बाद अपने बालों पर कंघी फिराई। चार हफ्ते बाद ही नहाई भी और बालों को शैम्पू भी किया। उस लड़की ने लिखा कि जब मैं बाथरूम के शॉवर से बाहर आई, तब मेरी हालत ऐसी थी कि मैं अपना हाथ भी ऊपर नहीं उठा पा रही थी। दांतों को ब्रश करने, नहाने, बालों को शैम्पू करने के बाद मैं कई लोगों से मिली और मुझे अच्छा लगा, क्योंकि मुझसे बदबू नहीं आ रही थी। 
 
इस फेसबुक पोस्ट को देखकर कई मनोचिकित्सक सक्रिय हुए, क्योंकि आमतौर पर लोग अपने बालों को दिन में कई बार कंघी करते हैं। फेसबुक की इस पोस्ट से मनोचिकित्सकों को सीधा पता चल गया कि यह लड़की डिप्रेशन में है और उसे मदद की जरूरत है। देखते ही देखते वह पोस्ट वायरल हो गई। वह लड़की खुद भी जानती थी कि वह डिप्रेशन की शिकार है, लेकिन अनजान कारणों से वह कोई कदम नहीं उठा पा रही थी। पश्चिमी देशों में इस तरह की डिप्रेशन की बीमारी आम है और सामान्य से सामान्य नजर आने वाले कई लोग भारी डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं। 
 
उस लड़की ने यह भी लिखा कि जब मैं अपने बालों को धो रही थी, तब मुझे बहुत रोना आ रहा था। इसके पहले उसने अपने दांतों की सफाई की। दांत साफ करने के बाद उसे अच्छा लगा, क्योंकि एक सप्ताह से उसने अपने दांतों की सफाई नहीं की थी और उसका मुंह बुरी तरह बदबू मार रहा था। एक सप्ताह से कपड़े भी नहीं बदले थे और वे सब गंदे हो गए थे।
 
उस किशोरी ने अपनी डिप्रेशन की दशा बताई कि डिप्रेशन कभी भी अच्छा नहीं होता। डिप्रेशन में इंसान हाईजीन का ध्यान नहीं रख पाता। उसके कपड़े, बिस्तर, बर्तन सब गंदे पड़े रहते हैं, वह खुद अनबना सा कुछ भी करने में असमर्थ रहता है। आमतौर पर डिप्रेशन के मरीज इतना रोते हैं कि उनकी आंखों से आंसू आना ही बंद हो जाते हैं। ज्यादा रोने के कारण आंखें जलने लगती हैं और सामान्य रूप से पलक झपकना भी उनके लिए मुश्किल होता है, इसलिए उनकी आंखें मिचमिचाती रहती हैं। अपनी फेसबुक पोस्ट में उस लड़की ने अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के लिए भी संदेश लिखा है कि अगर आपका कोई अपना डिप्रेशन का मरीज है, तो उसे ऊर्जा दें और प्रोत्साहित करें कि वह अपने काम सामान्य रूप से करने लगे। डिप्रेशन के मरीजों को हल्के में लेना ठीक नहीं, उन्हें आपकी मदद की सख्त जरूरत है। 
 
फेसबुक की इस पोस्ट के आने के दो दिन में ही लाखों लोगों ने उसे देखा। सवा दो लाख से ज्यादा लोगों ने उसे शेयर किया और चौदह हजार से ज्यादा लोगों ने उस पर कमेंट्स किए। लगभग सभी लोगों ने उस किशोर लड़की के प्रति सौहार्द जताया और प्रोत्साहित किया कि वह खुद इस परेशानी से बाहर निकल सकती है। उस लड़की ने लिखा कि डिप्रेशन की अवस्था में व्यक्ति का व्यवहार बहुत तेजी से बदलता रहता है। पल में तोला, पल में माशा वाली स्थिति होती है। कभी मन एकदम भावुक हो जाता है और कभी कड़ाई का बर्ताव करने लगता है। डिप्रेशन वास्तव में लगातार निराश रहने की अवस्था है। डिप्रेशन की अवस्था में कई बार व्यक्ति ऐसे कदम उठा लेता है, जिससे उसकी जान तक जा सकती है। फेसबुक पर लोगों ने उस लड़की को सलाह दी कि वह अकेली नहीं है। बहुत सारे लोग उसके साथ हैं और उसकी मदद करने को तैयार हैं। दूसरी लड़कियों की तरह वह भी सुंदर और प्यारी है। लोगों ने फेसबुक पर ही उसे लिखा कि वह बाथरुम में जाएं, शॉवर लें, बालों को कंघी करें, साफ कपड़े पहनें, खूब सारा पानी पीएं और खुश रहें। फेसबुक पर लोगों की सलाह मानकर उसने यह सब कार्य किए। 
 
एक अनुमान के अनुसार, दुनिया में दो करोड़ से भी ज्यादा लोग भारी डिप्रेशन के शिकार हैं। इनमें से कई लोग तो बहुत बड़ी सेलेब्रिटी भी हैं। डिप्रेशन के शिकार ये लोग आम लोगों जैसे ही नजर आते हैं, वैसे ही हंसते-खेलते, मुस्कुराते, लेकिन असलियत यह है कि उनमें से बहुत कम लोग हैं, जो डिप्रेशन का सही इलाज कराना पसंद करते हैं। भारत जैसे देश में यह समस्या बड़ी है, क्योंकि कई लोग डिप्रेशन को पागलपन समझ लेते हैं।
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