गुरुवार, 28 मार्च 2024
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Written By Author प्रकाश हिन्दुस्तानी

सोशल मीडिया की नई सेंसेशन अदिति मित्तल

सोशल मीडिया की नई सेंसेशन अदिति मित्तल - Aditi Mittal
# माय हैशटैग
अदिति मित्तल ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा रखा है। यू-ट्यूब पर उनके स्टैंडअप कॉमेडी के अनेक वीडियो लोकप्रिय हो रहे है। कई लोग उन्हें लेडी कपिल शर्मा भी कहते है। देश-विदेश के कई चैनलों ने उन्हें टॉप-10 कॉमेडियन्स में माना है। अदिति अपनी कॉमेडी हिंग्लिश और अंग्रेजी में करती हैं।
 
ट्विटर पर उनके फॉलोअर 72 हजार से भी अधिक है। एआईबी नॉकऑउट शो में भी वे नियमित देखी गई थीं। कई लोग उनके शो को फूहड़ मानते हैं, लेकिन अदिति जो विषय चुनती हैं, वे दिलचस्प होते हैं। दिलचस्प से भी ज्यादा वे उद्देश्यपूर्ण होते हैं। यही हाल उनके ट्विटर अकाउंट का भी है। एक उद्देश्य उनके शो में और संदेशों में होता है। महिलाओं से जुड़े मुद्दे, फैशन, विकलांगता, जेंडर विवाद जैसे विषय उनके कार्यक्रमों और संदेशों में होते हैं।
 
बीते सप्ताह अदिति ने ट्विटर पर गोरेपन की क्रीम बनाने वालों पर एक के बाद एक लगातार ट्‍वीट किए। ये ट्‍वीट इतने तीखे थे कि हजारों लोगों ने पढ़े और सैकड़ों ने शेयर किए। अदिति ने इन चुटीले ट्विट में प्रिंट, रेडियो और टेलीविजन मीडिया में प्रकाशित व प्रसारित हो रहे विज्ञापनों का खुलकर मजाक उड़ाया। 
 
उन्होंने अपने एक ट्‍वीट में यह बात बताई कि ईश्वर ने हमें जैसा भी बनाया है, वह सर्वोत्तम है। आप कोई भी क्रीम लगा लें, वह मेलेनिन (चमड़ी के नीचे) जाकर असर नहीं दिखा सकती। हमारी त्वचा का रंग त्वचा के नीचे के हिस्से से तय होता है, जिसे मेलेनिन कहते है। क्रीम लगाने से किसी का रंग काले से गोरा नहीं होता। यह एक बड़ा धंधा है और इसका सालाना कारोबार दो हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा का है। गोरेपन की क्रीम के नाम पर तरह-तरह के क्रीम बाजार में उपलब्ध हैं। लड़कियों का क्रीम, लड़कों का क्रीम, गर्भवती महिलाओं के लिए क्रीम, कामकाजी महिलाओं के लिए क्रीम वगैरह-वगैरह। अदिति ने एक से बढ़कर एक जोरदार ट्‍वीट किए हैं। 
 
‘‘मेरी प्रिय फेयरनेस क्रीम अब शेड कार्ड के साथ भी आ रही है। अजी यह मेरी त्वचा है, नेरोलक पेंट लगाने वाली दीवार नहीं, जो शेड कार्ड के साथ बाजार में उपलब्ध हो।’’ एक दूसरे ट्‍वीट में अदिति ने लिखा- ‘‘जल्द ही बाजार में गर्भवती महिलाओं के लिए एक क्रीम आने वाली है, उस क्रीम को गर्भवती महिलाएं अपने पेट पर लगाएगी, तो अपने आप गोरा बच्चा पैदा होगा।’’ अब आगे से ऐसे विज्ञापन भी आ सकते है- ‘‘XYZ बेबी क्रीम का अब मैं और इंतजार नहीं कर सकती। क्या आपका बच्चा काला है, बच्चे का रंग बदलो, उसका फ्यूचर बदलो।’’ 
 
अदिति की कल्पना और आगे तक गई और उन्होंने लिखा- ‘‘बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं के लिए एक क्रीम आ रही है, जिससे मां का दूध और ज्यादा सफेद हो जाएगा और दूध पीने वाला बच्चा और भी गोरा।’’ अदिति ने एक फिल्म हीरोइन के उस विज्ञापन का भी जमकर मजाक उड़ाया, जो यह दावा करता है कि उसे लगाने से महिलाएं वापस 18 साल जैसी हो जाएंगी। इस क्रीम का नाम ही ‘18 अगेन’ है। 
 
अदिति के विचारों से असहमत गोरेपन की क्रीम बेचने वालों ने दावा किया कि क्रीम के लगातार उपयोग से त्वचा स्वच्छ, स्वस्थ और टोन्ड रहती है। इसलिए ऐसी क्रीम बाजार में उपलब्ध है। इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं है। इस सबसे उलट अदिति ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की भूरि-भूरि प्रशंसा की, जिन्होंने दो करोड़ रुपए के उस विज्ञापन का प्रस्ताव ठुकरा दिया, जिसमें उन्हें गोरेपन की क्रीम का प्रचार करना था।
 
अदिति ने लिखा कि अब वक्त आ गया है कि हम अपने सौंदर्य के पैमाने बदलें और श्यामवर्ण को भी पूरा सम्मान दें। ‘यशोमती मैया से बोले नंदलाला, राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला’ जैसे गानों को भी अदिति ने भावातिरेक बताया।
उन्होंने कहा कि यह कुछ कम्पनियों का दुष्प्रचार है, जो यह कहती हैं कि श्यामवर्ण के लोग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं और जीवन में ज्यादा कामयाब नहीं हो सकते। विज्ञापनों में दिखाए जाने वाले कंटेंट पर भी उन्होंने उंगली उठाई है और कहा है कि गोरेपन की किसी क्रीम से किसी की शादी सफल नहीं होती, किसी को बेहतर वर या वधु नहीं मिलते और न ही नौकरी मिलने में प्राथमिकता मिलती है। व्यक्ति के रंग के बजाए उसकी योग्यता पर ध्यान देना चाहिए। 
 
अदिति सोशल मीडिया में सक्रिय रहने के साथ ही कई अखबारों और पत्रिकाओं में नियमित रूप से कॉलम भी लिखती है। उनके कॉलम भारत के अलावा इंग्लैंड के अखबारों में भी छपते हैं। उन्हें भारत की प्रमुख स्टैंडअप कॉमेडियन माना गया है। बीबीसी उन्हें लंदन में बुलवाकर उनका विशेष शो कर चुका है। अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के चैनलों पर भी उनके बारे में कार्यक्रम दिखाए जा चुके है। 
 
अदिति मित्तल जो अभियान चला रही हैं, उसमें मास मीडिया बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर सकता, क्योंकि वह उन विज्ञापनों से करोड़ों रुपए कमाता है। इसके बावजूद अदिति ने यह बात साबित कर दी कि मास मीडिया ही सबकुछ नहीं है। सोशल मीडिया को उन्होंने साधा और विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को बरगलाने के खिलाफ आवाज उठाई।