गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. नायिका
  4. »
  5. आलेख
  6. जरूरी है ब्रेकफास्ट करना
Written By WD

जरूरी है ब्रेकफास्ट करना

टालें नहीं... ब्रेकफास्ट

Dont Skip Your Breakfast | जरूरी है ब्रेकफास्ट करना
- संदीपा मिश्रा

ND
ND
अगर पौष्टिक नाश्ता उचित मात्रा में न लिया जाए तो शरीर कमजोर हो जाता है व दिनभर काम करना मुश्किल हो जाता है। स्कूल या कॉलेज खुलते ही शुरू हो जाती है दौड़ाभागी।

सुबह-सुबह नहाना, स्कूल-कॉलेज के लिए तैयार होना, साथ ही स्कूल बैग जमाना और कभी-कभी तो इसी समय में ट्यूशन या किसी अन्य गतिविधि में भी संलग्न रहना। जाहिर है, इतने सारे काम होते हैं कि नाश्ते के लिए समय ही नहीं होता, और अगर होता भी है तो युवा तथा किशोर जानबूझकर नहीं खाते।

किसी को मनपसंद नाश्ता नहीं मिलता, तो किसी को इच्छा नहीं होती और किसी के पास समय ही नहीं होता। स्कूल में पढ़ने वाले किशोर हों या कॉलेज में पढ़ने वाला युवा वर्ग, नाश्ता न करना, इन सबके लिए फैशन-सा हो गया है।

किशोर सोचते हैं कि चल जाएगा बिना नाश्ता किए, कौन करे नाश्ता। परिणाम ये कि कई बार स्कूलों में प्रार्थना के समय ही बच्चों को चक्कर आने लगते हैं। कमजोरी, भूखे पेट, बच्चे प्रार्थना की लाइन में खड़े-खड़े ही गिर जाते हैं। दस मिनट खड़े रहने की भी क्षमता उनमें नहीं होती। कक्षा में भी यही हाल होता है। शिक्षकों द्वारा बार-बार समझाने पर भी वे नाश्ता करके नहीं आते। इससे एकाग्रता में भी कमी होती है।

घर के बड़ों को चाहिए कि वे बच्चों को नाश्ता करवाएँ व स्वयं भी करें। थोड़ा बदल-बदलकर नाश्ते की व्यवस्था करें ताकि बच्चे खाने से कतराएँ नहीं। यदि वे नाश्ता करने से कतराते हों, तो उन्हें नाश्ते का महत्व समझाएँ।
नाश्ता न करने का परिणाम युवा अवस्था में भी कम नुकसानदायक नहीं है। अगर पौष्टिक नाश्ता उचित मात्रा में न लिया जाए तो शरीर कमजोर हो जाता है व दिनभर काम करना मुश्किल हो जाता है। यही नहीं इससे डायबिटीज व मोटापे जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। दिन का भोजन कम हो या थोड़ी देर से हो, तो चल सकता है परंतु सुबह नाश्ता अच्छी मात्रा में, पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक होना जरूरी है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो रात के भोजन के उपरांत सामान्यतः हम लगभग नौ-दस घंटे बाद सुबह उठते हैं। उस समय तक रात के खाने को शरीर पचा चुका होता है।

अतः हमारा पेट खाली हो जाता है और इसे नाश्ते की सख्त जरूरत होती है। हम अगर तब भी नाश्ते को टाल दें तो खाली पेट रहने से पेट में जो पाचन रस उत्पन्न होते हैं, उससे एसिड्स बनने लगते हैं, जो हमें कमजोर तो करते ही हैं, साथ ही हमारी आँतों को भी नुकसान पहुँचाते हैं।

परिणामस्वरूप कई तरह की परेशानियाँ पैदा होने लगती हैं इसलिए सुबह नाश्ता करना अनिवार्य है। घर के बड़ों को चाहिए कि वे बच्चों को नाश्ता करवाएँ व स्वयं भी करें। थोड़ा बदल-बदलकर नाश्ते की व्यवस्था करें ताकि बच्चे खाने से कतराएँ नहीं। यदि वे नाश्ता करने से कतराते हों, तो उन्हें नाश्ते का महत्व समझाएँ। बताएँ कि स्वास्थ्य के लिहाज से यह कितना आवश्यक है। उन्हें कहें कि बीमार शरीर सुंदर नहीं दिखता, एक्टिव नहीं होता, फिर दिमाग भी सक्रिय-कुशल नहीं होता।

यहाँ एक बात यह भी गौरतलब है कि अक्सर घर की महिलाएँ सुबह के नाश्ते को नजरअंदाज करती हैं। वे घर के बाकी लोगों के खानपान का तो पूरा ध्यान रखती हैं लेकिन खुद को भूल जाती हैं। उनके लिए भी ब्रेकफास्ट करना जरूरी है। सुबह का नाश्ता आपको दिनभर की ऊर्जा तो देता ही है, यह आपके शरीर को संतुलित भी बनाए रखता है। इसलिए चाहे किशोर हों या युवा, ब्रेकफास्ट जरूरी है।