स्वस्थ परिवार हेतु जरूरी नुस्खे
* पसीने में पानी पीना, छाया में बैठकर अधिक हवा खाना, छाती व सिर में दर्द पैदा करते हैं।* भोजन के दौरान थोड़ा-थोड़ा पानी पीना, भोजन के बाद ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।* दिनभर बैठक का काम करने वाले व्यक्ति को प्रातः घूमना चाहिए।* जूठा पानी पीने से टीबी, खाँसी व दमा आदि बीमारियाँ पैदा होती हैं।* गर्भावस्था में हलका-फुलका भोजन खाने से बच्चा तंदुरुस्त होता है।* होने वाली शांतिप्रिय संतान के लिए गर्भिणी स्त्री का वातावरण शांतिप्रिय होना चाहिए।* माता-पिता का रंग काला है तो गर्भावस्था के पाँचवें माह से नारी को दो नारंगी नित्य सेवन करना चाहिए। इससे बच्चा गोरा होगा।* पेट में पानी हो तो दो गोले नारियल का पानी नित्य सेवन करें।
* महिलाओं को विशेषकर अंगूर सेवन ज्यादा करना चाहिए।* दही में बेसन मिलाकर उबटन की तरह मलें, शरीर की बदबू रफूचक्कर हो जाएगी।* साँस फूलने पर दही की कढ़ी में देसी घी डालकर कुछ दिन खाएँ।* लू से छुटकारा पाने के लिए मिश्री के शरबत में एक कागजी नीबू निचोड़कर पीएँ।* काँच या कंकर खाने में आने पर ईसबगोल भूसी गरम दूध के साथ तीन समय सेवन करें।* घाव न पके, इसलिए गरम मलाई (जितनी गरम सहन कर सकें) बाँधें।* तुतलापन दूर करने के लिए रात को सोने से पाँच मिनट पूर्व दो ग्राम भुनी फिटकरी मुँह में रखें।* बच्चों का पेट दर्द होने पर अदरक का रस, पाँच ग्राम तुलसी पत्र घोटकर, औटाकर बच्चों को तीन बार पिलाएँ।* बच्चों के बलवर्धन के लिए तुलसी के चार पत्ते पीसकर 50 ग्राम पानी में मिलाएँ। सुबह पिलाएँ।* आमाशय का दर्द तुलसी पत्र को चाय की तरह औटाकर सुबह-सुबह लेना लाभदायक।* सीने में जलन हो तो पावभर ठंडे जल में नीबू निचोड़कर सेवन करें।* शराब ज्यादा पी ली हो तो छह माशा फिटकरी को पानी/दूध में मिलाकर पिला दें या दो सेबों का रस पिला दें।* अरहर के पत्तों का रस पिलाने से अफीम का नशा कम हो जाता है।* आधी छटाँक अरहर दाल पानी में उबालकर उसका पानी पिलाने से भाँग का नशा कम हो जाता है।* केला हजम करने के लिए दो छोटी इलायची काफी होती है।* आम ज्यादा खा लिए हों तो हजम करने के लिए थोड़ा सा नमक सेवन कीजिए।* मुँह से बदबू आने पर मोटे अनार का छिलका पानी में उबालकर कुल्ले करें।* मछली का काँटा यदि गले में फँस जाए तो केला खाएँ।
* हिचकी आने पर पोदीने के पत्ते या नीबू चूस लें।* वजन घटाने हेतु गरम जल में शहद व नीबू मिलाकर सेवन करें।* कान/दाँत दर्द, खाँसी व अपचन में जीरा व हींग 1/1-2 मात्रा में सेवन करें।* जख्मों पर पड़े कीड़ों का नाश करने के लिए हींग पावडर बुरक दें।* दाढ़ दर्द के लिए हींग रूई के फाहे में लपेटकर दर्द की जगह रखें।* शीत ज्वर में ककड़ी खाकर छाछ सेवन करें। शराब की बेहोशी में ककड़ी सेवन कराएँ।