गर्भावस्था : भ्रांतियाँ व तथ्य(2)
गर्भवती को हमेशा खुश रहना चाहिए
डॉ. तृप्ति राठी मिथ्य : प्रसव वेदना शुरू होने पर चलना चाहिए। तथ्य : सही *ऐसा करने से गुरुत्वाकर्षण के कारण बच्चा जल्दी नीचे आएगा। * प्रसव वेदना में यदि आप लेटी रहेंगी गर्भाशय पर दबाव बढ़ेगा और शिशु की तरफ रक्त व ऑक्सीजन का संचार कम हो सकता है। जिससे प्रसव वेदना बढ़ सकती है। भ्रांति : प्रसव वेदना असहनीय होती है। तथ्य : गलत * दर्द यदि असहनीय हो तो प्रकृति स्वंय ही हमें चेतना शून्य कर देती है। * प्रसव वेदना में स्त्री दवाइयों द्वारा निश्चेतित होती है न कि दर्द से। * सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर प्रसव वेदना को आसान बनाया जा सकता है। मिथ्य: गर्भवती को हमेशा खुश रहना चाहिए। अच्छी किताबें पढ़ना चाहिए।तथ्य : सही *स्त्री खुश रहेगी तो गर्भ में पल रहा शिशु भी स्वस्थ व प्रसन्न रहेगा। * शांत व तनावमुक्त रहना गर्भवती स्त्री के लिए सदा ही लाभकारी है। * अच्छी किताबों के ज्ञान से सकारात्मक दृष्टिकोण बनता है। भ्रांति : प्रसूति के लिए अस्पताल जाने से पूर्व एक गिलास बादाम का दूध या घी का दूध पीना चाहिए। तथ्य : गलत *अगर प्रसव प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो तो कुछ भी गरिष्ठ खाना या पीना नहीं चाहिए। * यदि इच्छा होतो कुछ हल्का खाइए या शकर का पानी पीजिए। * गरिष्ठ खाने या पीने से उल्टी आ सकती है, प्रसव वेदना बढ़ सकती है। भ्रांति : प्रसव के समय स्त्री को ताकत लगानी चाहिए। तथ्य : गलत * जब तक नर्स या फिजिशियन ना बोले ताकत नहीं लगाना चाहिए। * प्रसव वेदना बढ़ सकती है। भ्रांति : प्रसूति के पश्चात पेट को कसकर बाँधना चाहिए। तथ्य : गलत *पेट को न बहुत कसकर, ना बहुत ढीला बाँधना चाहिए। *पेट बाँधने से कम नहीं होगा। ये केवल कमर को आराम पहुँचाने के लिए है। *पेट में कसाव लाने के लिए हल्के व्यायाम ही लाभप्रद है।