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Written By WD

टमाटर खाएँ ,सेहत की लाली पाएँ

टमाटर खाएँ
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टमाटर ही शायद एक ऐसी सब्जी है, जिसे विश्वव्यापी मान्यता प्राप्त है। बहुत से लोग तो ऐसे हैं जो बिना टमाटर के खाना बनाने की कल्पना भी नहीं कर सकते। लाल-लाल टमाटर देखने में सुंदर और खाने में तो स्वादिष्ट लगते ही हैं, साथ ही इनमें बहुतायत में पौष्टिक गुण भी पाए जाते हैं। सर्दियों में टमाटर बेहद सस्ते मिलते हैं।

शरीर के लिए टमाटर बहुत ही लाभकारी होता है। इससे कई रोगों का निदान होता है। टमाटर शरीर से विशेषकर गुर्दे से रोग के जीवाणुओं को निकालता है।

इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन-सी पाए जाते हैं। एसिडिटी की शिकायत होने पर टमाटरों की खुराक बढ़ाने से यह शिकायत दूर हो जाती है। हालाँकि टमाटर का स्वाद खट्टा-सा होता है, लेकिन यह शरीर में खारी प्रतिक्रियाओं को जन्म देता है।

इसके खट्टे स्वाद का कारण यह है कि इसमें साइट्रिक एसिड और मैलिक एसिड पाए जाते हैं। अपने खट्टेपन की वजह से ही यह प्रत्यम्ल (एंटासिड) के रूप में काम करता है।

मधुमेह के रोगियों के लिए भी टमाटर बहुत उपयोगी होता है। यह पेशाब में चीनी के प्रतिशत पर नियंत्रण पाने के लिए प्रभावशाली होता है। साथ ही कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इसे एक उत्तम भोजन माना जाता है।

टमाटर में विटामिन 'ए' काफी मात्रा में पाया जाता है, यह आँखों के लिए बहुत लाभकारी है। टमाटर से पाचन शक्ति बढ़ती है। इसके लगातार सेवन से जिगर बेहतर ढंग से काम करता है और गैस की शिकायत भी दूर होती है।

जो लोग अपना वजन कम करने के इच्छुक हैं, उनके लिए टमाटर एक वरदान है। एक मध्यम आकार के टमाटर में केवल 12 कैलोरीज होती है, इसलिए इसे पतला होने के भोजन के लिए उपयुक्त माना जाता है।

टमाटर इतने पौष्टिक होते हैं कि सुबह नाश्ते में केवल दो टमाटर संपूर्ण भोजन के बराबर होते हैं और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनसे आपके वजन में जरा भी वृद्धि नहीं होगी। इसके अलावा यह पूरे शरीर के छोटे-मोटे विकारों को दूर करता है।

दमा रोगियों को चाहिए कि वे पूरे वर्ष टमाटर उपलब्ध रखें। इसके नियमित सेवन से श्वासनली शोथ कम होता है। प्राकृतिक चिकित्सकों का कहना है कि टमाटर खाने से अतिसंकुचन भी दूर होता है और खाँसी तथा बलगम से भी राहत मिलती है। अधिक पके लाल टमाटर खाने वालों को कैन्सर रोग नहीं होता। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
टमाटर जितना अधिक पका हो, उतना ही बेहतर माना जाता है क्योंकि पके टमाटर में विटामिन 'सी' की मात्रा अधिक होती है। अतः इसका उपयोग सभी सब्जियों में करना चाहिए। इसके अलावा इसे कच्चा भी खाया जा सकता है।

हरे टमाटरों को कम से कम खाना चाहिए, क्योंकि इनमें सोलेनाइन होता है, जिसे यदि अधिक मात्रा में खाया जाए तो यह विष का काम करता है। टमाटर के बीज मृदुविरेचक का काम करते हैं, इसलिए पकाते या खाते समय इन्हें न निकालें। टमाटर के उपयोग के कुछ तरीके यहाँ प्रस्तुत हैं।

नुस्खे : टमाटर का पूरा पौधा उखाड़कर पत्तियों, डंडियों और फल सहित उबाल लें। उबालते समय बराबर का तिल का तेल डालें। जब पानी सूख जाए जो इस तेल को दर्द कर रहे जोड़ों पर मलें, तुरंत राहत मिलेगी। इसे हवा रहित बोतल में रख लें।

* गर्भवती महिलाएँ सुबह हल्का नमक डालकर टमाटर का रस पिएँ, इससे उन्हें उल्टी नहीं आएगी।

* त्वचा के पोषण के लिए टमाटर के गूदे में बेसन मिलाकर अपने चेहरे पर मलें। आधे घंटे तक इसे सूखने दें। उसके बाद इसे गर्म पानी से धो दें।

टमाटर का ज्यूस : एक गिलास ज्यूस के लिए दो मध्यम आकार के टमाटर लें। टमाटरों को 1/4 इंच अदरक के साथ मिक्सी में पीसें। फिर इस मिश्रण में एक चम्मच शहद और एक नीबू का रस मिलाएँ । ठंडा करके पिलाएँ। गर्मियों के लिए यह एक उत्तम पेय है।