शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. मकर संक्रां‍ति
  4. 6 interesting facts of makar sankranti
Written By

मकर संक्रांति के बारे में 6 रोचक तथ्य आपको जानना चाहिए

मकर संक्रांति के बारे में 6 रोचक तथ्य आपको जानना चाहिए  Interesting Facts of Makar Sankranti - 6 interesting facts of makar sankranti
हिन्दू महीने के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष में मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है। मकर संक्रांति पूरे भारतवर्ष और नेपाल में मुख्य फसल कटाई के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। हरियाणा और पंजाब में इसे लोहड़ी के रूप में एक दिन पूर्व 13 जनवरी को ही मनाया जाता है। इस दिन उत्सव के रूप में स्नान, दान किया जाता है। तिल और गुड के पकवान बांटे जाते है। पतंग उड़ाए जाते हैं। मकर संक्रांति मनाते सब हैं पर ज्यादातर लोग इस पर्व के बारे में कुछ नहीं जानते। प्रस्तुत है मकर संक्रांति के बारे में रोचक तथ्य।
 
1 . मकर संक्रांति क्यों कहते हैं?
मकर संक्रांति पर्व मुख्यतः सूर्य पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़ के दूसरे में प्रवेश करने की सूर्य की इस विस्थापन क्रिया को संक्रांति कहते है, चूँकि सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस समय को मकर संक्रांति कहा जाता है।
 
2 . सूर्य उत्तरायण 
इस दिन सूर्य दक्षिणायन से अपनी दिशा बदलकर उत्तरायण हो जाता है अर्थात सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है, जिससे दिन की लंबाई बढ़नी और रात की लंबाई छोटी होनी शुरू हो जाती है। भारत में इस दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। अत: मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है।
 
3 . पतंग महोत्सव 
पहले सुबह सूर्य उदय के साथ ही पतंग उड़ाना शुरू हो जाता था। पतंग उड़ाने के पीछे मुख्य कारण है कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना। यह समय सर्दी का होता है और इस मौसम में सुबह का सूर्य प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवर्धक और त्वचा व हड्डियों के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। 
 
4 . तिल और गुड़ 
सर्दी के मौसम में वातावरण का तापमान बहुत कम होने  के कारण शरीर में  रोग और बीमारी जल्दी लगते हैं। इस लिए इस दिन गुड और तिल से बने मिष्ठान खाए जाते हैं। इनमें गर्मी पैदा करने वाले तत्व के साथ ही शरीर  के लिए लाभदायक पोषक पदार्थ भी होते हैं। इसलिए इस दिन खासतौर से तिल और गुड़ के लड्डू खाए जाते हैं।
 
5 . स्नान, दान, पूजा 
माना जाता है की इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी त्याग कर उनके घर गए थे। इसलिए इस दिन को सुख और समृद्धि का माना जाता है। और इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से पुण्य हजार गुना हो जाता है। इस दिन गंगा सागर में मेला भी लगता है।
 
6 . फसलें लहलहाने का पर्व 
यह पर्व पूरे भारत और नेपाल में फसलों के आगमन की खुशी के रूप में मनाया जाता है। खरीफ की फसलें कट चुकी होती है और खेतो में रबी की फसलें लहलहा रही होती है। खेत में सरसो के फूल मनमोहक लगते हैं। पूरे देश में इस समय ख़ुशी का माहौल होता है। अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग स्थानीय तरीकों से मनाया जाता है। क्षेत्रो में विविधता के कारण इस पर्व में भी विविधता है। दक्षिण भारत में इस त्यौहार को पोंगल के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे लोहड़ी कहा जाता है। मध्य भारत में इसे संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति को उत्तरायण, माघी, खिचड़ी आदि नाम से भी जाना जाता है।