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Written By मुस्तफा हुसैन
Last Modified: बुधवार, 17 अप्रैल 2019 (20:15 IST)

मालवा में बारिश का कहर, 10 हजार बोरी गेहूं भीगा

मालवा में बारिश का कहर, 10 हजार बोरी गेहूं भीगा - Wheat crop worse than hail
मालवांचल में मौसम ने एकदम से करवट ली ओर तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि भी क्षेत्र में कई जगह देखने को मिली। नीमच में तो कई जगह बारिश की वजह से सोसाइटियों का गेहूं खरीदी केन्द्रों और वेयर हाउसों पर बड़ी तादाद में गीला हो गया।
 
नीमच के रामपुरा, मनासा, कंजार्डा में करीब 10 हजार बोरी गेहूं भीग गया। ऐसे में भारी नुकसान सरकारी खरीद के गेहूं में स्थानीय प्रबंधन की लापरवाही की वजह से देखा जा रहा है।
 
किसान भी अपने गेहूं के केंद्रों पर तुलाई के दौरान भीग जाने के कारण से नाराज ही नजर आए। वेयरहाउस पर तो आलम यह था कि गेहूं की बोरियों से भीगकर गेहूं फूलते हुए बाहर निकल आया।
 
किसान महीपालसिंह ने बताया कि अचानक आई इस बारिश से गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन किसानों को काफी नुकसान हुआ है। अभी भी फसल खेतों में है। चारा पूरी तरह खराब हो गया है। गेहूं की तुलाई भी नहीं हुई है। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान हुआ है। आसपास कई इलाकों में ओले गिरने की भी खबर है।
 
वीरू यादव नामक किसान ने कहा कि बारिश जोरदार हुई है। जवासा सोसायटी के पास बोरखेड़ी से फसल लेकर आए, जो कि यहां से 15 किलोमीटर दूर है, जबकि सावन हमारे यहां से मात्र 3 किलोमीटर दूर है। सावन हमारे के लिए ज्यादा करीब और अनुकूल है। हम अपनी व्यवस्था खुद करके लाए थे, अन्यथा नुकसान हो जाता। ऐसे में हमारे नुकसान कौन भरता?
 
बघाना खरीदी केन्द्र प्रभारी लालाराम दीवान ने कहा कि व्यवस्था तो ठीक है, लेकिन अचानक हुई बारिश का कोई क्या कर सकता है। पाल ढंकते-ढंकते माल गीला हो गया। इसके साथ ही बिना मैसेज के किसान ज्यादा आ गए इसलिए व्यवस्था और बिगड़ गई। मैसेज की व्यवस्था हो तो चीजें ठीक हो जाएं। 30 आदमी तुलाई वाले चल रहे हैं।
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