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Last Modified: गुरुवार, 21 मई 2015 (19:27 IST)

प्रदेश का पहला गांव जहां नलों से चौबीस घंटे पानी

प्रदेश का पहला गांव जहां नलों से चौबीस घंटे पानी - tap water
उज्जैन। जिले के दूरस्थ ग्राम सलवा के लोगों को अपने नित्य उपयोग के लिए ज्यादा पानी सहेजकर नहीं रखना पड़ता, क्योंकि घर में लगे हुए नल को जब भी खोलो पानी आ जाता है। 
 
गत फरवरी माह में पूर्ण की गई नल जल योजना द्वारा यह प्रबंध कर दिया गया है कि गांव के लोगों को अब चौबीस घंटे नलों के द्वारा पानी की आपूर्ति की जा रही है। गांव के लगभग हर घर में लगे नल सतत् पानी की आपूर्ति करते हैं।
 
जिले के बड़नगर तहसील मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर बसे सलवा गांव में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और ग्रामीणों की सहभागिता से यह गांव मध्यप्रदेश का पहला ऐसा गांव बन गया है जहां के बाशिन्दों को चौबीस घंटे सतत् जल उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
 
30.29 लाख रुपए की लागत से क्रियान्वित की गई इस नल जल योजना में तीन प्रतिशत राशि ग्रामीणों द्वारा जनसहयोग के रूप में दी गई है जो 91 हजार रुपए होती है। गांव की जनसंख्या 1700 के करीब है। गांव के लगभग 300 परिवारों के लिए 85 हजार लीटर क्षमता की टंकी निर्मित की गई है। नल जल योजना के लिए दो किलोमीटर मीटर लम्बाई की पाइप लाइन बिछाई गई है।
 
गांव में इस योजना के सफल क्रियान्वयन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा ग्रामीणजनों के अलावा पूर्व सरपंच आनन्दीलाल पटेल और वर्तमान सरपंच जसवंतसिंह पंवार की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिन्होंने योजना के सम्बन्ध में विशेष रुचि ली।
 
स्वत: भरती है टंकी : सलवा की नल जल योजना की यह भी एक विशेषता है कि 85 हजार लीटर जल क्षमता की पेयजल टंकी और टयूबवेल पर स्थापित मोटर को सेंसर द्वारा कनेक्ट किया गया है। व्यवस्था ऐसी बनाई गई है कि टयूबवेल के जरिये टंकी जैसे ही अपनी पूर्ण क्षमता में भर जाती है, सेंसर सन्देश से मोटर बन्द हो जाती है। टंकी में जब पानी 60 हजार लीटर रह जाता है, तो सेंसर के जरिये मोटर स्वत: चालू होकर टंकी को उसकी पूर्ण क्षमता में पुन: भर देती है। इससे सतत् जलापूर्ति सुनिश्चित रहती है। 
 
अन्य दो गांवों में भी ऐसी ही योजना : कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने बताया कि सम्पूर्ण उज्जैन जिले में इस प्रकार से सतत् जलापूर्ति की योजना बनाई जाएगी। जहां-जहां भी ग्रामीणजन सहयोग के लिए आगे आएंगे, वहां कार्य शुरू किया जायेगा। पीएचई के कार्यपालन यंत्री सुनील उदिया ने बताया कि सलवा की ही तर्ज पर बड़नगर विकासखण्ड के दो अन्य गांव बांदरबेला और सुन्दराबाद में भी चौबीस घंटे सतत् जलापूर्ति की योजना पर कार्य किया जा रहा है। बांदरबेला में 80 प्रतिशत कार्य हो चुका है। सुन्दराबाद में कार्य प्रारम्भिक चरण में है।