मप्र में रोज औसतन 3 किसान-कृषि मजदूर लगा रहे हैं मौत को गले
भोपाल। मध्यप्रदेश में रोज औसतन 3 किसान-कृषि मजदूर विभिन्न कारणों से अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के सवाल के लिखित जवाब में गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने ये जानकारी दी।
मंत्री ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में 16 नवंबर 2016 के बाद से अब तक (3 महीने की अवधि में) कुल 1,761 लोगों ने आत्महत्या की है जिनमें 106 किसान, 181 कृषि मजदूर और 160 छात्र शामिल हैं। जवाब के मुताबिक फसल खराब होने या कर्ज नहीं चुका पाने के कारण आत्महत्या करने वालों की संख्या पूरे प्रदेश में मात्र 1 है।
किसानों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले आलीराजपुर (10) में सामने आए हैं, वहीं कृषि मजदूरों की आत्महत्याओं के मामले में बड़वानी (25) सबसे ऊपर है। छात्रों की आत्महत्याओं के सबसे ज्यादा मामले भोपाल (11) में सामने आए हैं। इस अवधि में सागर में कुल 101 लोगों ने अपनी इहलीला समाप्त की, जो प्रदेशभर में सबसे ज्यादा है।
जवाब के मुताबिक प्रदेश में इस अवधि में 349 लोगों ने पारिवारिक कारणों के चलते, 294 ने मानसिक तनाव, 176 ने बीमारी और 104 ने नशे के कारण और 45 ने प्रेम-प्रसंग के चलते ये कदम उठाया। सरकार ने 504 मामलों में जांच जारी होने की और 298 मामलों में अन्य कारण होने की जानकारी दी है। (वार्ता)