उपवास पर बैठे शिवराज, किसानों से की यह अपील...
भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन के दसवें दिन शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां दशहरा मैदान में ‘शांति बहाली के लिए’ अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठ गए। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि जब-जब प्रदेश में किसानों पर संकट आया, मैं सीएम आवास से निकलकर उनके बीच पहुंच गया। उन्होंने कहा कि किसान आग न लगाएं, चर्चा के लिए आएं।
सीएम ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रयास किए गए। मामूली ब्याज दर पर किसानों को कर्ज दिया गया। उन्होंने कहा हमारा प्रदेश आगे नहीं बढ़ सकता और यही हमारी पहली प्राथमिकता है। हम हमेशा किसानों के साथ है। इसके लिए सरकार ने उनके लिए कई योजनाएं भी चलाई हैं।
इससे पहले किसान आंदोलन के दसवें दिन कुर्ता पायजामा और नेहरू जैकेट पहने शिवराज भेल के दहशरा मैदान में अपना उपवास शुरू किया। चौहान के साथ उनकी पत्नी साधना सिंह और कई दिग्गज भाजपा नेता भी उपस्थित थे।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के मिश्रा ने कहा कि चौहान को लोगों को यह बताना चाहिये कि उनका यह कथित उपवास नौटंकी है, इवेंट है या अपनी गलतियों से प्रदेश को आग में झोंकने के लिए प्रायश्चित है। उन्होंने कहा कि वह गांधीगीरी का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा है नहीं। यह नौटंकी करने से पहले वह न तो गांधी की प्रतिमा के पास बैठे और न ही महात्मा गांधी की प्रतिमा को फूलमाला पहनाई।
मिश्रा ने सवाल किया कि आखिरकार किसके विरोध में वह दशहरा मैदान में उपवास पर बैठे हैं। उन्हें चौहान यह याद रखना चाहिए कि दशहरा मैदान में प्रतिवर्ष रावण का पुतला दहन किया जाता है।
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में पुलिस फायरिंग से पांच किसानों की मौत की घटना के बाद पूरे पश्चिमी मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन हिंसक हो गया। इसे लेकर चौहान ने प्रदेश में शांति बहाली तक उपवास पर बैठने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि मैं भोपाल में दशहरा मैदान में किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु चर्चा के लिए उपलब्ध रहूंगा। वहीं से सरकार चलाउंगा।
उपवास के दौरान सीएम केवल नींबू पानी पीएंगे। रात्रि विश्राम भी वे दशहरा मैदान पर ही करेंगे। इसके लिए मंच के पीछे एक कमरा बनाया गया है।
(चित्र सौजन्य : ट्विटर)